मध्य प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए बनेंगे अलग केंद्र : सारंग

By भाषा | Published: May 13, 2021 02:08 PM2021-05-13T14:08:56+5:302021-05-13T14:08:56+5:30

Two medical colleges in Madhya Pradesh to have separate centers for treatment of mucarmycosis: Sarang | मध्य प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए बनेंगे अलग केंद्र : सारंग

मध्य प्रदेश के दो मेडिकल कॉलेजों में म्यूकरमाइकोसिस के इलाज के लिए बनेंगे अलग केंद्र : सारंग

भोपाल, 13 मई कोविड-19 से ठीक हुए लोगों में म्यूकरमाइकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के पहले दो म्यूकरमाइकोसिस केंद्र दो शासकीय मेडिकल कॉलेजों भोपाल एवं जबलपुर में बनाए जाएंगे।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में अब तक 50 लोगों में 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके मद्देनजर इन केंद्रों को बनाने की तैयारी है, ताकि इस बीमारी से लोगों की जान बचाई जा सके।

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘देश में गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल एवं नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज, जबलपुर में म्यूकरमाइकोसिस के उपचार के लिए 10-10 बिस्तर के अलग केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं। इसमें म्यूकरमाइकोसिस के मरीजों के उपचार एवं ऑपरेशन जैसी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि ये दोनों केंद्र एक सप्ताह में चालू हो जाएंगे। सारंग ने दावा किया, ‘‘देश में म्यूकरमाइकोसिस के उपचार के लिए ये पहले दो केंद्र होंगे।’’

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित या बिना संक्रमण वाले मरीजों में म्यूकरमाइकोसिस बीमारी होने पर अलग ऑपरेशन थियेटर मरीजों के उपचार के लिये तैयार किये जायेंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य है कि ऐसे मरीजों को त्वरित इलाज प्रदान किया जा सके।

सारंग ने कहा कि म्यूकरमाइकोसिस मरीजों की बढ़ती संख्या से लोगों में व्याप्त हो रही चिंता को दूर करने के लिए सरकार तेजी से कदम उठा रही है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार साइनस की परेशानी, नाक का बंद हो जाना, दांतों का अचानक टूटना, आधा चेहरा सुन्न पड़ जाना, नाक से काले रंग का पानी निकलना या खून बहना, आंखों में सूजन, धुंधलापन, सीने में दर्द उठना, सांस लेने में समस्या होना एवं बुखार होना म्यूकरमाइकोसिस के लक्षण हैं।

महाराष्ट्र एवं गुजरात में कोविड-19 से ठीक हुए व्यक्तियों में म्यूकरमाइकोसिस के अब तक कई मामले सामने आये हैं, जिसके चलते कई रोगी दृष्टिहीन हो गए हैं या उन्हें अन्य गंभीर दिक्कतें आ रही हैं।

सारंग ने बताया कि इसके लिये विशेष रूप से अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज जैन का चिकित्सकीय तकनीकी सहयोग भी लिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में म्यूकरमाइकोसिस के संबंध में चिकित्सकीय ज्ञान, रोकथाम के उपाय, उपचार के निर्देश, मरीजों का लक्षण अनुसार प्रबंधन तथा लोगों के बीच बीमारी के संबंध में जागरुकता के लिए भोपाल और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ विभिन्न चिकित्सा आयामों पर विस्तृत चर्चा की गई।

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