तृणमूल कांग्रेस ने 23वां स्थापना दिवस मनाया, ममता को बांग्ला संस्कृति की सच्ची संरक्षक बताया

By भाषा | Updated: January 1, 2021 21:38 IST2021-01-01T21:38:12+5:302021-01-01T21:38:12+5:30

Trinamool Congress celebrated 23rd Foundation Day, calling Mamata the true patron of Bangla culture | तृणमूल कांग्रेस ने 23वां स्थापना दिवस मनाया, ममता को बांग्ला संस्कृति की सच्ची संरक्षक बताया

तृणमूल कांग्रेस ने 23वां स्थापना दिवस मनाया, ममता को बांग्ला संस्कृति की सच्ची संरक्षक बताया

कोलकाता, एक जनवरी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना 23वां स्थापना दिवस मनाया और कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की संस्कृति और मूल्यों की ‘‘सच्ची संरक्षक’’ हैं।

विपक्षी भाजपा ने यह कहते हुए तृणमूल के स्थापना दिवस समारोह का मजाक उड़ाया कि यह आखिरी बार है कि सत्ता में रहते हुए ममता बनर्जी की पार्टी जन्मदिवस समारोह मना रही है।

राज्य में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव हैं। यह चुनाव बेहद अहम होंगे क्योंकि राजनीतिक रूप ध्रुवीकृत इस राज्य में कभी सत्ता में नहीं रही भाजपा ममता बनर्जी को अपदस्थ करने की कोशिश में लगी है जो लगातार दो कार्यकाल से सत्तासीन हैं।

तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुब्रत बख्शी की अगुवाई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य मुख्यालयों में पार्टी का ध्वज फहराया और लोगों की सेवा में अथक परिश्रम के लिए कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।

तृणमूल ने ट्वीट किया, ‘‘ पिछले 23 सालों में तृणमूल कांग्रेस परिवार ने कई लड़ाइयां लड़ीं और अधिकाधिक लोगों ने ममता पर बंगाल की संस्कृति, गौरव और मूल्यों की सच्ची संरक्षक के रूप में अपना विश्वास प्रकट किया। चूंकि हम एक और साल में कदम रख रहे हैं तो हम बंगाल के लोगों की सुरक्षा और सेवा करने का वादा करते हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस की यह टिप्पणी राज्य में चल रहे अंदरूनी-बाहरी के वाकयुद्ध के बीच आयी है। तृणमूल ने भाजपा को बार-बार बाहरियों की पार्टी बताया है जो राज्य की संस्कृति और मूल्यों के लिए खतरा पैदा करती है।

बनर्जी ने कई ट्वीट किया और कहा कि वह आने वाले दिनों में राज्य के लोगों के लिए संघर्ष और काम करती रहेंगी।

उन्होंने ट्वीट किया,‘‘ आज तृणमूल कांग्रेस की स्थापना के 23 वर्ष हो गए, मैं एक जनवरी 1998 में शुरू किए गए सफर को पीछे पलट कर देखती हूं। ये वर्ष बेहद संघर्ष भरे रहे लेकिन इस दौरान हम लोगों के लिए संघर्ष की अपनी प्रतिबद्धता पर डटे रहे और अपने उद्देश्यों को हासिल करते रहे।’’

उन्होंने लिखा,‘‘ तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस पर मैं अपनी मां-माटी-मानुष का और अपने सभी कार्यकर्ताओं का दिल से आभार व्यक्त करती हूं जो बंगाल को प्रतिदिन बेहतर और मजबूत बनाने में लगातार हमारे संघर्ष में शामिल हैं। तृणमूल परिवार आने वाले वक्त में भी इसी प्रण के साथ आगे बढ़ेगा।’’

वरिष्ठ तृणमूल नेता फिरहाद हकीम ने कहा, ‘‘भाजपा सीधे मुकाबले में चुनाव नहीं जीत सकती। इसलिए उसने सीबीआई, ईडी को खुला छोड़ दिया है और वह हमें दबाने के लिए हमारे नेताओं का पाला बदलवा रही है। लेकिन उससे कुछ नहीं होगा क्योंकि दूसरों पर भीतरघात करने वाले हरा दिये जायेंगे और गद्दार उन्हें नहीं बचा पायेंगे।’’

तृणमूल कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार के गिनती के दिन रह गये हैं। यह आखिरी बार है कि वह सत्ता में रहते हुए स्थापना दिवस मना रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अगले विधानसभा चुनाव में उसे सत्ता से उखाड़ फेंका जाएगा। फिर कोई भी उसकी तकदीर का अनुमान लगा सकता है।

जिलों में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम किये और पिछले दस साल की उपलब्धियां लोगों के सामने रखी।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल से वाम मोर्चा शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य को लेकर बनर्जी ने कांग्रेस से अलग हो कर आज ही के दिन 1998 में तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की थी। पार्टी ने मई, 2011 में यह लक्ष्य हासिल किया।

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Web Title: Trinamool Congress celebrated 23rd Foundation Day, calling Mamata the true patron of Bangla culture

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