लखनऊ/सुलतानपुर/गाजीपुर/आजमगढ़ (उप्र), आठ फरवरी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर अप्रैल से गाड़ियां फर्राटा भर सकेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को 15 अप्रैल तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को लखनऊ से गाजीपुर,आजमगढ़ और सुलतानपुर तक 22,494.66 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही अपनी स्वप्निल परियोजना यानी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। साथ ही जन सभाओं के जरिये उन्होंने जनता की अपेक्षाओं को टटोला।
गाजीपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का अप्रैल तक शुभारम्भ होगा। अधिकारियों को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य एक अप्रैल तक पूरा कर 15 अप्रैल तक लोकार्पण कार्यक्रम तय करने का निर्देश दिया गया है। इसके बनने के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के तमाम प्रदेशों के साथ पूर्वांचल की अब सीधी और तेज कनेक्टिविटी होगी। साथ ही में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अब पूर्वांचल के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
योगी ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद गाजीपुर के लोग तीन घंटे में लखनऊ और 10 घंटे में दिल्ली पहुंचने लगेंगे।
मुख्यमंत्री ने गाजीपुर की कासिमाबाद तहसील के धरवारकला गांव में स्थित पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करने के बाद जनसमूह को संबोधित करते कहा, ''उत्तर प्रदेश में माफिया ने पूरे विकास की गति को अवरुद्ध कर दिया था। अब सरकार उनकी अवैध संपत्ति को जब्त कर उनकी कमर तोड़ रही है, जिससे विकास कार्यों को पूरी गति मिली है।''
योगी ने दावा किया, ''माफिया के विरुद्ध अभियान जोर-शोर से जारी रहेगा और उत्तर प्रदेश में माफिया को रहने नहीं दिया जाएगा।''
आजमगढ़ से मिली खबर के अनुसार मुबारकपुर क्षेत्र से होकर गुजर रहे निर्माणाधीन पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का योगी आदित्यनाथ ने स्थलीय निरीक्षण किया। एक्सप्रेस-वे पर ही बन रहे अंडरपास का भी निरीक्षण किया। इसके बाद यूपीडा, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ के लोगों के लिए उम्मीद की किरण है। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले तक लोग आजमगढ़ के नाम से कांपते थे। आजमगढ़ का युवा कहीं जाता था तो लोग उसे किराये पर मकान नहीं देते थे। आजमगढ़ घर बताने के बाद लोग उससे पिंड छुड़ा लेते थे। लेकिन अब आजमगढ़ विकास की एक नई आशा के साथ आगे बढ़ रहा है। आशा की किरण यह एक्सप्रेस-वे है, जो यहां के औद्योगिक विकास को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि 31 मार्च तक मुख्य एक्सप्रेस-वे को तैयार कर लिया जाए। इसके साथ ही हर जिले में औद्योगिक क्लस्टर भी विकसित किया जाए। जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके। इसकी युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है।’’
लखनऊ में एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहले एक साल की योजनाओं को पूरा करने में 12 साल लगा दिए जाते थे। हमने यह कार्य संस्कृति बदली है।’’
गौरतलब है कि पूर्वांचल में विकास को रफ्तार देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता पर काबिज होने के बाद लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक छह लेन के पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरु करवाया था। इसकी लम्बाई 340.824 किमी. है और इसे भविष्य में आठ लेन का किया जा सकता है।
इस परियोजना से लखनऊ ,बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ तथा गाजीपुर जिले लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि जुलाई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला रखी थी।
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