Gulmarg: कश्मीर आने वाले पर्यटक गोरीमर्ग अर्थात गुलमर्ग की करते है सैर जरूर, सबसे अधिक आकर्षण वाले पर्यटनस्थलों में बना रहा है रिकॉर्ड
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 9, 2023 14:41 IST2023-08-09T14:32:21+5:302023-08-09T14:41:40+5:30
बता दें कि साल 2021 में कोरोना के खतरे के बावजूद 3.6 लाख बाहरी पर्यटक गुलमर्ग आए थे और अढ़ाई लाख लोकल पर्यटकों ने गुलमर्ग का रूख किया था। वर्ष 2021 में लोकल पर्यटक इसलिए बढ़े थे क्योंकि कोरोना के दो सालों की पाबंधियों के कारण वे घरों में कैद हो गए थे।

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)
जम्मू: कश्मीर आने वाले अगर गुलमर्ग न जाएं तो उनका कश्मीर को देखने का सपना अधूरा ही रह जाएगा। यही कारण है कि अगर कश्मीर आने वाला हर दूसरा टूरिस्ट गौरीमर्ग अर्थात गुलमर्ग जाना चाहता है तो टूर आप्रेटरों की सूची में गुलमर्ग भी सबसे ऊपर स्थान बनाए हुए है।
डल झील और गुलमर्ग के बीच है टक्कर
अगर आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो यह पूरी तरह से स्पष्ट होता था कि गुलमर्ग कितना पर्यटकों के दिलों में बसा हुआ है। हालांकि कश्मीर में इस समय मुकाबला डल झील और गुलमर्ग के बीच भी है और दोनों के आंकड़ों में बस उन्नीस बीस का ही अंतर है।
और अगर एक बार आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि गुलमर्ग पर्यटकों की जान है। जुलाई महीने को ही लें तो सवा दो लाख पर्यटक गुलमर्ग की खूबसूरती को निहारने पहुंचे थे। हालांकि इस साल फरवरी में भी भीड़ बहुत थी गुलमर्ग में पर वह 92 हजार के आंकड़े को पार नहीं कर पाई थी।
पिछले साल 15 लाख पर्यटकों ने गुलमर्ग का किया था सैर
इस साल कुल पौन आठ लाख पर्यटक गुलमर्ग में आए हैं। इनमें अगर 55 सौ विदेशी थे तो अढ़ाई लाख स्थानीय टूरिस्ट भी थे। अर्थात 5 लाख पर्यटक देश के विभिन्न भागों से आए थे जो गुलमर्ग की वादियों में खो जाना चाहते थे।
यह तो कुछ भी नहीं। पिछले साल 15 लाख की रिकार्ड संख्या में टूरिस्टों ने गुलमर्ग का दौरा किया तो वर्ष 2021 में यह संख्या सवा छह लाख थी। पिछले साल देश के अलग अलग हिस्सों से आने वालों ने 10 लाख का आंकड़ा पार कर एक नया रिकार्ड बनाया था जबकि 4.8 लाख के साथ स्थानीय नागरिक भी पीछे नहीं रहे थे।
कोरोना काल में भी पर्यटकों का लगा था तांतां
इसी तरह से वर्ष 2021 में कोरोना के खतरे के बावजूद 3.6 लाख बाहरी पर्यटक आए थे और अढ़ाई लाख लोकल पर्यटकों ने गुलमर्ग का रूख किया था। वर्ष 2021 में लोकल पर्यटक इसलिए बढ़े थे क्योंकि कोरोना के दो सालों की पाबंधियों के कारण वे घरों में कैद हो गए थे।