यूपी कांग्रेस में जान फूंकने के लिए प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी के पास विचार करने के लिए भेजे तीन विकल्प, जानिए कांग्रेस का क्या है यूपी प्लान
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 30, 2022 04:44 PM2022-04-30T16:44:18+5:302022-04-30T16:47:45+5:30
यूपी कांग्रेस प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश में जनाधार खो चुकी कांग्रेस को फिर से जिंदा करने के लिए तीन विकल्पों का सुझाव कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के पास भेजा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चारों खाने चित हो चुकी कांग्रेस पार्टी प्रदेश में फिर से एक्टिव होने और भाजपा समेत अन्य दलों को टक्कर देने के लिए काफी विचार मंथन कर रही है।
इसके लिए यूपी कांग्रेस प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के नेतृत्व में पार्टी आत्ममंथन कर रही है। आज के समय में भी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी का तमगा लिये कांग्रेस ने यूपी चुनाव में निराशाजनकर प्रदर्शन किया और उसकी झोली में महज दो सीटें आयीं।
यही कारण है कि अब पार्टी सूबे में अपने संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत बनाने के लिए तीन विकल्पों पर विचार कर रही है। खबरों के अनुसार यूपी कांग्रेस प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने जनाधार खो चुकी कांग्रेस को फिर से जिंदा करने के लिए तीन विकल्पों का सुझाव कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के पास भेजा है।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'द इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक पार्टी ने पहले विकल्प के तौर पर यह तय किया है कि यूपी कांग्रेस की कमान किसी वरिष्ठ नेता के हाथों में सौंपी जाए और उसके नेतृत्व में राज्य कांग्रेस कमेटी का पुनर्गठन हो।
वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर प्रियंका गांधी स्वयं यूपी कांग्रेस से दूर हो जाएं और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में चार-पांच कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति हो, जो पार्टी को जमीनी स्तर पर उठाने का प्रयास करें।
वहीं तीसरे विकल्प की बात की जाए तो कांग्रेस यूपी में चार प्रमुख क्षेत्रों में स्वतंत्र तौर पर विभाजित कर दी जाए। जिसमें पश्चिमी यूपी, पूर्वी यूपी, अवध और बुंदेलखंड में कांग्रेस की कमान अलग-अलग हाथों में हो और सभी चार क्षेत्रों के लिए पार्टी द्वारा स्वतंत्र समितियों का गठन हो।
इन तीनों विकल्पों के आने से पहले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में हुई हार के कारण नैतिक आधार पर पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी की इतनी निराशाजनक हार उत्तर प्रदेश में पहले कभी नहीं हुई थी, आलम यह था कि 399 से अधिक सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई थी।
विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति इतनी विकट थी कि खुद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से खुद चुनाव हार गये थे और वो दूसरे नंबर पर भी नहीं बल्कि तीसरे नंबर पर रहे थे।
इस बीच खबर यह भी आ रही है कि यूपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निर्मल खत्री, वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, नसीमुद्दीन सिद्दीकी और आचार्य प्रमोद कृष्णम सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को यूपी कांग्रेस की कमान सौंपी जा सकती है।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी साल 1989 में यूपी में सत्ता से बाहर होने के बाद आज तक वापसी नहीं कर सकी है। वहीं साल 2022 के चुनाव में मजह दो सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में 'करो या मरो' की स्थिति पैदा हो गई है।