सरकार केंद्रीय मंत्री के हाथ से कागजात छीनने के मामले में टीएमसी सांसद शांतनु सेन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाएगी
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 22, 2021 21:56 IST2021-07-22T19:36:11+5:302021-07-22T21:56:07+5:30
सोमवार से चालू हुए मानसून सत्र में अब तक सरकार और विपक्ष के बीच कही कोई ताल मेल नजर नहीं आया है। 13 अगस्त तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान सरकार ने 31 बिल पास करवाने का लक्ष्य रखा है।

भाजपा ने राज्यसभा में आज के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का रवैया ‘‘निम्न स्तर’’ का था।
नई दिल्लीः राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। सरकार और विपक्ष के बीच खासी तकरार हुई। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जैसे ही पेगासस मुद्दे पर बयान देने खड़े हुए, तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने मंत्री वैष्णव के हाथ से पेपर लेकर फाड़ दिया। उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
सरकार केंद्रीय मंत्री के हाथ से कागजात छीनने के मामले में टीएमसी सांसद शांतनु सेन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाएगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार टीएमसी सांसद शांतनु सेन के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर सकती है। जिन्होंने संसद में केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी और अश्विनी वैष्णव पर "हमला" करने की कोशिश की थी। इस मुद्दे पर संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वी मुरलीधरन की बैठक चल रही है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सेन के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव नोटिस लाने और उस संबंध में कार्यवाही की मांग करने के लिए तैयार है। मामला तब बढ़ गया, जब टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने गुरुवार को राज्यसभा में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से कागजात छीन लिए और उन्हें फाड़ दिया, क्योंकि मंत्री इजरायली स्पाईवेयर पेगासस का उपयोग करके कथित जासूसी विवाद पर अपना बयान देने वाले थे।
स्थगन के बाद राज्यसभा में बीजेपी सांसद और कैबिनेट मंत्री हरदीप पुरी की टीएमसी सांसद शांतनु सेन से तीखी नोक झोंक हो गई। पुरी सेन द्वारा रिपोर्ट फाड़कर उपसभापति की तरफ उछालने का विरोध कर रहे थे। इस दौरान नौबत हाथापाई तक पहुंच गई।
बात इतनी बढ़ गई की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मार्शल्स को बीच बचाव करना पड़ा। एक केंद्रीय मंत्री ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, ‘‘उनका (विपक्षी सदस्यों) व्यवहार संसदीय मर्यादा पर धब्बा है इसलिए हम उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्यसभा के सभापति से संपर्क कर रहे हैं।’’