पश्चिम बंगाल के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने मंगलवार को बताया कि टीएमसी संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ 27 जनवरी को विधानसभा में प्रस्ताव पेश करेगी।
चटर्जी ने कहा, ‘‘हमने 20 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष को प्रस्ताव सौंप दिया। इसे 27 जनवरी को विधानसभा के समक्ष रखा जाएगा।’’ विधानसभा ने पिछले वर्ष सितम्बर में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।
पश्चिम बंगाल में माकपा और कांग्रेस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फैसले का स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे सरकार के शुक्रगुजार हैं कि उसने इस कदम की अनिवार्यता को महसूस किया।
हालांकि भाजपा ने कहा कि कानून के खिलाफ ऐसा संकल्प "असंवैधानिक" है। ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के दौरे पर रवाना होने से पहले कहा कि उनकी सरकार सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करेगी। उन्होंने कहा, "हमने तीन से चार महीने पहले एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। हम तीन से चार दिनों के अंदर सीएए के लिए प्रस्ताव पारित करेंगे।’’
विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि उनकी पार्टी इस प्रस्ताव पर जोर देती रही है। कांग्रेस नेता ने कहा, "वह (ममता) अब उसे दोहरा रही हैं, जो हम पहले ही कह चुके हैं । देर आए दुरूस्त आए... खुशी है कि उन्होंने इस प्रस्ताव को पारित करने की आवश्यकता महसूस की।
हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं।’’ इस महीने की शुरुआत में, तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को पारित होने से रोक दिया था। इस पर कांग्रेस और माकपा ने तृणमल की आलेाचना की थी।