मुगल काल के 164 सिक्के मिले, 12 चांदी और शेष तांबे के सिक्के,उर्दू या फारसी में लेख उत्कीर्ण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 2, 2021 13:55 IST2021-12-02T13:53:59+5:302021-12-02T13:55:33+5:30
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले का मामला है। 12 चांदी के और शेष तांबे के सिक्के हैं जिनपर उर्दू या फारसी में लेख उत्कीर्ण हैं। सिक्कों को जिला कोषागार में जमा करा दिया गया है।

नंदनवारा गांव ओरछा से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। निवाड़ी जिले को 2018 में टीकमगढ़ से अलग कर जिला बनाया गया है। (file photo)
टीकमगढ़ः मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पत्थर की खदान की खुदाई के दौरान एक बर्तन में रखे संभवत: मुगल काल के कुल 164 सिक्के मिले हैं। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
जिला खनन अधिकारी प्रशांत तिवारी ने बताया कि बुधवार को बुंदेलखंड क्षेत्र में जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर नंदनवारा गांव में स्थित पत्थर खनन में शामिल एक निजी ठेकेदार ने उन्हें सिक्कों की जानकारी दी। इसके बाद वह मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘ एक मिट्टी के बर्तन में कुल 164 सिक्के मिले हैं।
इनमें 12 चांदी के और शेष तांबे के सिक्के हैं जिनपर उर्दू या फारसी में लेख उत्कीर्ण हैं। सिक्कों को जिला कोषागार में जमा करा दिया गया है।’’ अधिकारी ने कहा कि पुरातत्व विभाग का एक दल सिक्कों का विश्लेषण करेगा। सिक्के किस अवधि के हैं और उन पर लिखी गई भाषा का पता अध्ययन के बाद चलेगा।
निवाड़ी जिले का ओरछा जो कि अपने राम राजा मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध है। नंदनवारा गांव ओरछा से लगभग 45 किलोमीटर दूर है। निवाड़ी जिले को 2018 में टीकमगढ़ से अलग कर जिला बनाया गया है। बुंदेलखंड के इस क्षेत्र में अफगानों और मुगलों की उपस्थिति के सबूत मिलते हैं।
इतिहास के अनुसार सन 1626 में जुझार सिंह ओरछा के राजा बने थे और उन्होंने मुगल साम्राज्य के जागीरदार नहीं रहने की कसम खाई थी। मुगल बादशाह शाहजहां से आजादी दिलाने के उनके प्रयास ने उनके पतन का मार्ग प्रशस्त किया। औरंगजेब के नेतृत्व में मुगल सेना ने उनपर आक्रमण किया और 1635 में इस इलाके को जीत लिया। इसके बाद सिंह को चौरागढ़ वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।