मंडला (मप्र), 25 मार्च मध्यप्रदेश से वर्ष 2018 में स्थानांतरित की गई बाघिन सुंदरी अंतत: ओडिशा के सतकोसिया से वापस मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व (केटीआर) पहुंच गई और यहां उसे घोरेला में बनाये गये एक विशेष बाड़े में रखा गया है।
बाघों के पुनर्वास के एक कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018 में बाघिन सुंदरी और एक नर बाघ को मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (बीटीआर) से ओडिशा के सतकोसिया में भेजा गया था। ओडिशा में शिकारियों ने कथित तौर पर बाघ को मार दिया था, जिसके बाद बाघिन सुंदरी ने हिंसक होकर दो लोगों को मार दिया था। इसके बाद सुंदरी को वहां एक बाड़े में कैद करके रखा गया था।
केटीआर के क्षेत्रीय निदेशक एसके सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ कुछ अवांछित घटनाओं और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सुंदरी पिछले दो वर्षों से वहां एक बाड़े में कैद थी। बाद में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने समीक्षा के बाद बाघ स्थानांतरण कार्यक्रम को स्थगित करते हुए ओडिशा सरकार को बाघिन सुंदरी को वापस मध्यप्रदेश भेजने का निर्देश दिया।’’
उन्होंने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में भी इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी। इसके बाद पिछले साल 11 नवंबर को उच्च न्यायालय ने बाघिन को प्रशिक्षण के लिये वापस केटीआर में लाने का निर्देश दिया था।
इसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने ओडिशा के अधिकारियों से संपर्क किया और बाघिन सुंदरी को बुधवार रात को वापस मध्यप्रदेश लाया गया।
उन्होंने बताया कि एक पशु चिकित्सक के साथ मध्यप्रदेश से अधिकारियों का एक दल सतकोसिया गया और बुधवार रात को सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सुंदरी को केटीआर की मुक्की रेंज में वापस लाया गया। यहां जांच के बाद बाघिन को घोरेला में उसके लिये बनाये गये एक विशेष बाड़े में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह वन कर्मचारियों द्वारा बाघिन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी गई और उसे स्वस्थ और सक्रिय पाया गया है।
सिंह ने बताया कि बाघिन को कुछ समय बाद जंगल के प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा जायेगा।
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