एक साथ तीन हमलों ने दर्शाया, 55 दिनों से अपने आपको मजबूत करने में जुटे थे आतंकी
By सुरेश डुग्गर | Published: September 28, 2019 07:41 PM2019-09-28T19:41:49+5:302019-09-28T19:41:49+5:30
पांच अगस्त को धारा 370 हटाने के साथ ही कश्मीर में तैनात दो लाख के लगभग अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती से जो संदेश देने की जो कोशिश की गई थी कि आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो गया है, उसको आतंकियों के तीन हमलों ने नाकाम बना दिया।
आज 55 दिनों के लाकडाउन के बाद आतंकियों ने एक साथ तीन स्थानों पर हमले बोले हैं। इन हमलों के बाद सुरक्षाधिकारी कहते थे कि इन दिनों का इस्तेमाल आतंकियों ने अपने आपको मजबूत करने के लिए किया था। दरअसल 55 दिनों से सेना व अन्य सुरक्षाबलों ने आप्रेशन आल आउट को रोक दिया हुआ था क्योंकि उनका ध्यान कश्मीरी जनता के गुस्से को किसी तरह से दबाना था।
लेकिन अब जबकि आतंकियों ने एक साथ सिर उठाया है, सुरक्षाधिकारी हैरान हो गए हैं। हालांकि तीन आतंकियों को गंदरबल में ही मार गिराया गया और उन्हें श्रीनगर में घुसने नहीं दिया गया पर श्रीनगर में ग्रेनेड हमला करने में कामयाब होने वाले आतंकी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने में जरूर कामयाब रहे थे।
अधिकारी कहते हैं कि आतंकी श्रीनगर तक पहुंचना चाहते हैं क्योंकि सभी जानते हैं कि श्रीनगर में होने वाली घटनाओं से वे विश्व सुर्खियों में छा सकते हैं। यही कारण था कि जिन पांच आतंकियों को हाईवे पर बटोत के एक घर में घेरे में ले रखा था उनका मकसद भी श्रीनगर तक पहंुचना था। इसी की खातिर पहले उन्होंने एक नागरिक वाहन को हाईजैक करने की कोशिश की थी।
55 दिनों के बाद एक साथ हुए आतंकी हमलों, मुठभेड़ों तथा ग्रेनेड हमलों के बाद अधिकारी चाहे कुछ भी कहते रहें लेकिन वे इस बात से इंकार नहीं करते थे कि आप्रेशन आल आउट को सस्पैंड कर दिए जाने का लाभ आतंकियों ने अपने आपको ठीक उसी प्रकार मजबूत करने में उठाया जिस प्रकार पहले भी वे सुरक्षाबलों द्वारा लागू किए जाने वाले सीजफायर के दौरान उठाते रहे थे।
हालांकि अधिकारी दावा करते थे कि आतंकियों को फिर से ढूंढ कर निकाला जाएगा और उन्हें मौत के घाट उतारा जाएगा। एक सेनाधिकारी के बकौल, आप्रेशन आल आउट को फिर से शुरू किया जा रहा है ताकि उस पार से घुसे ताजा आतंकियों को भी ढेर किया जा सके।