राहुल गांधी ने जारी किए UPA के राफेल डील के पेपर, बोले-अब रक्षामंत्री बताएं कितनी है कीमत?
By रामदीप मिश्रा | Published: February 9, 2018 06:04 PM2018-02-09T18:04:05+5:302018-02-09T18:53:43+5:30
राहुल गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को संबोधित करते हुए तीन प्रेस रिलीज जारी की हैं, जिसमें राफेल डील पर यूपीए सरकार की पारदर्शित का उल्लेख है।
राफेल डील में भ्रष्टाचार को लेकर मोदी सरकार पर लगातार कांग्रेस हमलावर है। गुरुवार (8 फरवरी) को केद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस द्वारा लगाए गए सभी आरोंपों को खारिज कर दिया। साथ ही साथ राहुल गांधी को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी से मिलने की सलाह दी, जिसके बाद राहुल ने शुक्रवार (9 जनवरी) को वित्तमंत्री जेटला को जवाब देते हुए निशाना साधा।
अब दें रक्षामंत्री जवाब
उन्होंने ट्वीट कर लिखा 'प्रिय जेटली जी आपने कहा कि यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने कभी रक्षा खरीद के दाम जारी नहीं किए? आपके झूठ के लिए, यहां यूपीए द्वारा मूल्य निर्धारण को लेकर पूरी पारदर्शिता के साथ 3 संसदीय उत्तर दिए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब हमारे रक्षामंत्री को यह पूछने के लिए कहें कि प्रत्येक राफेल जेट की कीमत कितनी है?' वहीं, राहुल ने चार पन्ने का डॉक्यूमेंट भी सबूत के तौर पर ट्वीट किया है, जिनमें यूपीए द्वारा राफेल डील को लेकर दी गईं जानकारियां हैं।
Dear Mr Jaitlie,
You said the UPA never released prices of Defence purchases?
To nail your lie, here are 3 Parliamentary replies by the UPA with full transparency on pricing.
Now do ask our Raksha Mantri to tell India how much each RAFALE jet cost.#DealMeinKuchKalaHaipic.twitter.com/txb2Cc1BHh
— Office of RG (@OfficeOfRG) February 9, 2018
राफेल सौद पर कांग्रेस को सवाल उठाने का हक नहीं
Dear Mr Jaitlie,
You said the UPA never released prices of Defence purchases?
To nail your lie, here are 3 Parliamentary replies by the UPA with full transparency on pricing.
Now do ask our Raksha Mantri to tell India how much each RAFALE jet cost.#DealMeinKuchKalaHaipic.twitter.com/txb2Cc1BHh
आपको बता दें कि गुरुवार (8 फरवरी) को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि राफेल सौद पर कांग्रेस को सवाल उठाने का हक नहीं है। इस सौदे को लेकर यूपीए कार्यकाल पर भी सवाल खड़े किए जाए चुके हैं। जिस पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सवालों का जवाब देने से मना कर दिया था। प्रणब मुखर्जी ने यह कहा था कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए राफेल डील पर कैसे सरकार से जवाब मांगा जा रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि राहुल सवाल उठाने से पहले प्रणब मुखर्जी से ही जाकर मिलें।
राफेल सौदे पर वित्तमंत्री जेटली का जवाब, कहा- राहुल सवाल उठाने से पहले प्रणब मुखर्जी से जाकर मिलें
राफेल सौदे पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद
इससे पहले बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को लेकर कहा था भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 16 अंतर्राष्ट्रीय एग्रीमेंट के जरिए खरीदे जा रहे 36 राफेल हवाई जहाज पर लगाए जा रहे इल्जाम बेबुनियाद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर इस तरह छीछालेदर करने से देश का नुकसान होगा। यह गौर करने वाली बात है कि राफेल फाइटर प्लेन का समझौता वायु सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए 2002 में की थी। तब यह भारतीय वायु सेना के लिए आवश्यक थी।
2012 में रक्षामंत्री ने हस्तक्षेप
रक्षा मंत्रालय ने कहा 'साल 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की प्रक्रिया चल रही थी, तब तत्कालीन रक्षा मंत्री ने चौंकाने वाले ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल कर मामले में हस्तक्षेप किया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की जानकारी में तब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में जबरदस्त कमी थी।'
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर करारा हमला, कहा- राफेल सौदे में हुआ है घपला
राफेल सौदे में घपला हुआः राहुल गांधी
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए कि राफेल सौदे में घपला हुआ है। उन्होंने कहा था कि पहली बार देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि हवाई जहाज खरीदने के लिए जो पैसा दिया गया है उसे हम नहीं बताएंगे। इस विषय को क्यों नहीं पूछा जा रहा है। हम इस मुद्दे को गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठा चुके हैं। इस सौदे में घपला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस जाकर व्यक्तिगत रूप से सौदा करवाया है और वहां सौदा बदला गया है। इस बात को पूरा हिन्दुस्तान जानता है।
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'कितने रुपए में हमने हवाई जहाज खरीदे हैं?'
उन्होंने कहा कहा था 'देश की रक्षामंत्री कहती हैं कि हम हिन्दुस्तान को, शहीदों को व उनके परिवारों को राफेल सौदे में कितना पैसा लिया गया है उसके बारे में नहीं बताएंगे। इसका क्या मतलब है, इसका एक ही मतलब है कि कोई न कोई घपला हुआ है। पहले कभी सुना है कि सरकार हिन्दुस्तान को यह नहीं बताएगी कि कितने रुपए पर हमने हवाई जहाज खरीदे हैं?'