राफेल डील पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- विपक्ष के आरोप बेबुनियाद

By भारती द्विवेदी | Published: February 7, 2018 07:25 PM2018-02-07T19:25:37+5:302018-02-07T19:58:04+5:30

रक्षा मंत्रालय ने भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 16 अंतर्राष्ट्रीय एग्रीमेंट के जरिए खरीदे जा रहे 36 राफेल फाइटर प्लेन पर लगाए जा रहे इल्जाम को बेबुनियाद बताया हैं।

Govt responds to query on Rafael Deal, not giving information because the matter is confidential | राफेल डील पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- विपक्ष के आरोप बेबुनियाद

राफेल डील पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- विपक्ष के आरोप बेबुनियाद

दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर शेर की जरिए पीएम मोदी से राफेल डील पर जवाब मांगा था। इस पर राफेल डील पर रक्षा मंत्रालय का बयान आया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबरों के अनुसार रक्षा मंत्रालय ने कहा है- भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 16 अंतर्राष्ट्रीय एग्रीमेंट के जरिए खरीदे जा रहे 36 रफाल हवाई जहाज पर लगाए जा रहे इल्जाम बेबुनियाद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर इस तरह छीछालेदर करने से देश का नुकसान होगा।


रक्षा मंत्राालय ने कहा, 'यह गौर करने वाली बात है कि राफेल फाइटर प्लेन का समझौता वायु सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए 2002 में की थी। तब यह भारतीय वायु सेना के लिए आवश्यक थी।'


साल 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की प्रक्रिया चल रही थी, तब तत्कालीन रक्षा मंत्री ने चौंकाने वाले ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल कर मामले में हस्तक्षेप किया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की जानकारी में तब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में जबरदस्त कमी थी।


मोदी सरकार ने राफेल डील पर चुप्पी तोड़ी

इस मामले पर सरकार ने चुप्पी तोड़ी है। राफेल डील को लेकर सरकार ने कहा है, 'राफेल विमान में लगने वाली लागत की जानकारी मौटे तौर पर संसद को दी जा चुकी है। इस तरह के ब्योरे 2008 में साइन किए गए सिक्यॉरिटी एग्रीमेंट के दायरे में भी आएंगे। कॉन्ट्रैक्ट के ब्योरे को सार्वजनिक न करके सरकार भारत और फ्रांस के बीच हुए उस समझौते का पालन कर रही है, जिस पर पिछली सरकार ने साइन किए थे। 


हाल ही में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के जो सौदे हुए हैं वह दो देशों की सरकारों के बीच का समझौता है और इसमें गुप्त सूचनाएं हैं। इसलिए सौदे से संबंधित विवरण प्रकट नहीं किए जा सकते हैं। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल की ओर से पूछे गए एक सवाल पर सीतारमण ने लिखित जवाब में सदन को यह जानकारी दी थी। 

अग्रवाल ने सरकार से पूछा था कि ऐसी क्या वजह है कि सरकार इस सौदे का विवरण नहीं देना चाहती है जबकि, कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) की सरकार पर राफेल जेट विमान के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के पूर्व सौदे के मुकाबले ज्यादा कीमत अदा करने का आरोप लगाया है।

सीतारमण ने कहा, "भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान की खरीद को लेकर हुए अंतर-सरकार समझौता के अनुच्छेद 10 के अनुसार, 2008 में भारत और फ्रांस के बीच किए गए सुरक्षा समझौते के प्रावधान विमानों की खरीद, गुप्त सूचनाओं की सुरक्षा व सामग्री के आदान-प्रदान पर लागू हैं।"

Web Title: Govt responds to query on Rafael Deal, not giving information because the matter is confidential

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