राफेल सौदे पर वित्तमंत्री जेटली का जवाब, कहा- राहुल सवाल उठाने से पहले प्रणब मुखर्जी से जाकर मिलें
By रामदीप मिश्रा | Published: February 8, 2018 08:28 PM2018-02-08T20:28:18+5:302018-02-08T20:28:56+5:30
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (5 फरवरी) को संसद में बताया था कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के जो सौदे हुए हैं वह दो देशों की सरकारों के बीच का समझौता है इसलिए इसे गुप्त रखा जाएगा।
कांग्रेस राफेल डील में भ्रष्टाचार को लेकर भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार पर लगातार हमले बोल रही है, जिसका जवाब गुरुवार (8 फरवरी) को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिया। उन्होंने कहा कि राफेल सौद पर कांग्रेस को सवाल उठाने का हक नहीं है। इस सौदे को लेकर यूपीए कार्यकाल पर भी सवाल खड़े किए जाए चुके हैं। जिस पर तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सवालों का जवाब देने से मना कर दिया था। प्रणब मुखर्जी ने यह कहा था कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इसलिए राफेल डील पर कैसे सरकार से जवाब मांगा जा रहा है। वित्तमंत्री ने कहा कि राहुल सवाल उठाने से पहले प्रणब मुखर्जी से ही जाकर मिलें।
राफेल सौदे पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद
इससे पहले बुधवार को रक्षा मंत्रालय ने इस मामले को लेकर कहा था भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच 16 अंतर्राष्ट्रीय एग्रीमेंट के जरिए खरीदे जा रहे 36 राफेल हवाई जहाज पर लगाए जा रहे इल्जाम बेबुनियाद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस मुद्दे पर इस तरह छीछालेदर करने से देश का नुकसान होगा। यह गौर करने वाली बात है कि राफेल फाइटर प्लेन का समझौता वायु सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए 2002 में की थी। तब यह भारतीय वायु सेना के लिए आवश्यक थी।
2012 में रक्षामंत्री ने हस्तक्षेप
रक्षा मंत्रालय ने कहा 'साल 2012 में जब मीडियम मल्टीरोल कॉम्बैट विमान की खरीद की प्रक्रिया चल रही थी, तब तत्कालीन रक्षा मंत्री ने चौंकाने वाले ढंग से पर्सनल वीटो का इस्तेमाल कर मामले में हस्तक्षेप किया था। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी की जानकारी में तब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों की संख्या में जबरदस्त कमी थी।'
राहुल गांधी का मोदी सरकार पर करारा हमला, कहा- राफेल सौदे में हुआ है घपला
राफेल सौदे में घपला हुआः राहुल गांधी
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए कि राफेल सौदे में घपला हुआ है। उन्होंने कहा था कि पहली बार देश की रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि हवाई जहाज खरीदने के लिए जो पैसा दिया गया है उसे हम नहीं बताएंगे। इस विषय को क्यों नहीं पूछा जा रहा है। हम इस मुद्दे को गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उठा चुके हैं। इस सौदे में घपला हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस जाकर व्यक्तिगत रूप से सौदा करवाया है और वहां सौदा बदला गया है। इस बात को पूरा हिन्दुस्तान जानता है।
'कितने रुपए में हमने हवाई जहाज खरीदे हैं?'
उन्होंने कहा कहा था 'देश की रक्षामंत्री कहती हैं कि हम हिन्दुस्तान को, शहीदों को व उनके परिवारों को राफेल सौदे में कितना पैसा लिया गया है उसके बारे में नहीं बताएंगे। इसका क्या मतलब है, इसका एक ही मतलब है कि कोई न कोई घपला हुआ है। पहले कभी सुना है कि सरकार हिन्दुस्तान को यह नहीं बताएगी कि कितने रुपए पर हमने हवाई जहाज खरीदे हैं?'
राफेल डील पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, कहा- विपक्ष के आरोप बेबुनियाद
2 देशों की सरकारों के बीच का समझौता इसलिए है गुप्त
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार (5 फरवरी) को संसद में बताया था कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के जो सौदे हुए हैं वह दो देशों की सरकारों के बीच का समझौता है इसलिए इसे गुप्त रखा जाएगा। इसके बाद सदन में सपा नेता नरेश अग्रवाल ने पूछा था कि सरकार इस सौदे का विवरण क्यों नहीं देना चाहती है? यह सौदा पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल के दौरान हुआ था। उन्होंने भारत-फ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों के लिए 58,000 करोड़ की सौदे पर हस्ताक्षर किये थे। इस सौदे पर कांग्रेस पहले भी आरोप लगा चुकी है।