मुजफ्फरनगर (उप्र), 29 जनवरी केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर गाजीपुर में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन के समर्थन में हजारों किसानों ने शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में एक महापंचायत में हिस्सा लिया।
गाजीपुर में बीकेयू के नेता राकेश टिकैत के रोने और वहां दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों को स्थानीय प्रशासन द्वारा जबरन हटाने की आशंकाओं के एक दिन बाद पश्चिम उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में भारी संख्या में लोग एकजुट हुए।
महावीर चौक के पास जीआईसी मैदान खचाखच भरा हुआ था। लोग गाजीपुर में यूपी गेट पर प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए एकजुट हुए थे। शहर की सड़कों पर सैकड़ों ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लहरा रहे थे। इस कारण यातायात बाधित रहा।
क्षेत्र के किसानों के मुजफ्फरनगर सम्मेलन को देखते हुए राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख अजित सिंह ने भी बीकेयू को समर्थन दिया और उनके पुत्र जयंत चौधरी ने भी महापंचायत में हिस्सा लिया।
पार्टी के उपाध्यक्ष चौधरी ने कहा कि आरएलडी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंह ने बीकेयू के अध्यक्ष नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत से बात की।
किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के दोनों बेटे बीकेयू का नेतृत्व कर रहे हैं।
गाजीपुर में हुई घटनाओं को लेकर बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने महापंचायत बुलाई थी।
इस बीच हापुड़ से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार ब्रजघाट में पुलिस ने अवरोधक लगाकर करीब दो सौ किसानों को दिल्ली जाने से रोका लेकिन किसानों के हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बाद किसानों को दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर की तरफ जाने दिया गया है।
भाकियू नेताओं ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे धरने प्रदर्शन में पहुंचने की अपील की।
भाकियू नेताओं ने ब्रजघाट पर किसानों को रोके जाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार जितना किसानों का दमन करेगी उतना ही विरोध अधिक होगा।
किसान नेताओं ने दिल्ली की घटना को षडयंत्र बताते हुऐ षडयंत्रकारियों का पर्दाफाश करने की भी बात कही है।
भाकियू के प्रदेश सचिव कुशलपाल आर्य और मण्डल प्रवक्ता दिनेश खेडा ने गाजीपुर बॉर्डर पर तीन कृषि विधेयकों के विरोध में चल रहे धरने प्रर्दशन में क्षेत्र और प्रदेश के किसानों तथा भाकियू कार्यकर्ताओं से गाजीपुर बार्डर पर पहुंचने की अपील की है।
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