बच्चों पर Coronavirus के प्रभाव का संयुक्त राष्ट्र ने किया आकलन, कहा- इस साल हजारों मासूमों की हो सकती है मौत

By भाषा | Updated: April 17, 2020 21:49 IST2020-04-17T21:49:55+5:302020-04-17T21:49:55+5:30

संयुक्त राष्ट्र ने शिशु मृत्यु दर को लेकर बड़ा बयान दिया है। कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने बच्चों पर इसके प्रभाव के आकलन को लेकर कहा है कि महामारी से उत्पन्न होने वाली वैश्विक मंदी के कारण इस साल हजारों बच्चों की मौत हो सकती हैं।

Thousands of additional children may die this year: United Nations | बच्चों पर Coronavirus के प्रभाव का संयुक्त राष्ट्र ने किया आकलन, कहा- इस साल हजारों मासूमों की हो सकती है मौत

वर्ष 2019 में पहले से ही 38.6 करोड़ बच्चें अत्यधिक गरीबी के शिकार थे। (फाइल फोटो)

Highlights143 देशों के 36.85 करोड़ बच्चों में कुपोषण बढ़ने की आशंका है।ऐसे बच्चें सामान्य रूप से दैनिक पोषण के एक विश्वसनीय स्रोत के लिए स्कूल के मध्यान्ह भोजन पर निर्भर होते हैं, अब उन्हें अन्य स्रोतों को देखना होगा।

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बच्चों पर कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के प्रभाव के आकलन में कहा है कि इस महामारी से उत्पन्न होने वाली वैश्विक मंदी के कारण इस साल हजारों बच्चों की मौत हो सकती हैं।

इसमें कहा गया है कि इससे शिशु मृत्यु दर को कम करने के प्रयासों को झटका लग सकता है। आकलन में कहा गया है कि अनुमानित 4.2 से 4.6 करोड़ बच्चे इस साल संकट के परिणामस्वरूप अत्यधिक गरीबी में गिर सकते हैं। वर्ष 2019 में पहले से ही 38.6 करोड़ बच्चें अत्यधिक गरीबी के शिकार थे।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा गुरुवार (16 अप्रैल) को जारी 'पालिसी ब्रीफ: द इम्पेक्ट आफ कोविड-19 (COVID-19) ऑन चिल्ड्रन' में कहा गया है, 'बच्चे इस महामारी का सामना नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन्हें कोरोना वायरस का खतरा है। हालांकि शुक्र है कि वे कोरोना वायरस के प्रत्यक्ष स्वास्थ्य प्रभावों से बचे हुए हैं।' बाल अस्तित्व और स्वास्थ्य के लिए खतरों पर इसमें कहा गया है, ‘‘वैश्विक आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप परिवारों के सामने आई आर्थिक कठिनाई 2020 में अतिरिक्त हजारों बच्चों की मृत्यु का कारण बन सकती है, जो एक ही वर्ष के भीतर शिशु मृत्यु दर को कम करने में पिछले दो से तीन वर्षों के प्रयासों को प्रभावित कर सकती है।’’ 

महामारी के कारण 188 देशों में शिक्षा के संकट को भी बढ़ा दिया है और पूरे देश में स्कूलों को बंद करना पड़ा है जिससे 1.5 अरब से अधिक बच्चें और युवा प्रभावित हुए है। अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई है और इससे अब तक 1,44,000 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका कोविड-19 से सबसे प्रभावित देश है जहां 6,70,000 से अधिक मामले सामने आये है और 33,000 लोगों की मौत हुई है। 

इसमें कहा गया है कि 143 देशों के 36.85 करोड़ बच्चों में कुपोषण बढ़ने की आशंका है। ऐसे बच्चें सामान्य रूप से दैनिक पोषण के एक विश्वसनीय स्रोत के लिए स्कूल के मध्यान्ह भोजन पर निर्भर होते हैं, अब उन्हें अन्य स्रोतों को देखना होगा। इसमें कहा गया है कि बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जोखिम भी काफी हैं। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने यह ‘पॉलिसी ब्रीफ’ जारी करते हुए कहा कि समाज के सबसे गरीब और सबसे कमजोर सदस्य महामारी की चपेट में अधिक आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विशेष रूप से दुनिया के बच्चों की भलाई के बारे में चिंतित हैं।

Web Title: Thousands of additional children may die this year: United Nations

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