लगातार पांचवे दिन धुंध में खुली दिल्लीवासियों की आंख, कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता हुई ‘बहुत खराब’

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 14, 2019 10:22 IST2019-10-14T10:22:58+5:302019-10-14T10:22:58+5:30

सोमवार को एक्यूआई 235 अंक पार गया। एक्यूआई दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ा स्तर दिखाता है। दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 223 और पीएम 10 का स्तर 217 पहुंच गया। 

Thick smog covers Delhi sky, air quality continues to remain poor updates in hindi | लगातार पांचवे दिन धुंध में खुली दिल्लीवासियों की आंख, कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता हुई ‘बहुत खराब’

लगातार पांचवे दिन धुंध में खुली दिल्लीवासियों की आंख, कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता हुई ‘बहुत खराब’

Highlightsशहर के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी है। दिल्ली एनसीआर में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया।

सोमवार को स्मॉग की चादर में दिल्ली वासियों ने आंख खोली। दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक और बिगड़ गया। पंजाब और हरियाणा में पराली जलने की वजह से दिल्ली में लगातार पांचवे दिन वायु गुणवत्ता खराब रही। सोमवार को एक्यूआई 235 अंक पार गया। एक्यूआई दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का बढ़ा स्तर दिखाता है। दिल्ली के कई इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर 223 और पीएम 10 का स्तर 217 पहुंच गया। 

सर्दी के मौसम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (एनसीआर) की हवा दूषित होने की आशंका के मद्देनजर केन्द्र सरकार द्वारा पिछले सप्ताह प्रदूषण रोधी उपाय शुरु किये जाने के महज कुछ दिन बाद ही दिल्ली, रविवार को दूषित हवा की धुंध में घिर गयी। शहर के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गयी है। दिल्ली एनसीआर में रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 पर पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। 

दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिहाज से संवेदनशील माने गये आनंद विहार और बवाना सहित कुछ अन्य इलाकों में सूचकांक 300 अंक को पार कर गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक पर आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता 327 अंक तक पहुंच गयी, जबकि वजीरपुर में यह 323, विवेक विहार में 317, मुंडका में 309, बवाना में 302 और जहांगीरपुरी में 300 के स्तर पर थी। वहीं हरियाणा में करनाल जिले के अलीपुर खालसा (351) और पानीपत (339) में हवा की गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ हो गई। 
एनसीआर के अन्य इलाकों में भी शाम साढ़े चार बजे तक हवा की गुणवत्ता में गिरावट दर्ज की गयी है। इनमें गाजियाबाद में एक्यूआई 320 और नोएडा में 310 के स्तर पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी का माना जाता है। 

शनिवार को, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में पराली के जलने से निकलने वाला धुआं दिल्ली पहुंचने लगा है और हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी है। उन्होंने कहा, ‘‘व्यापक रूप से यह बात सामने आयी है कि दिल्ली में आने वाला धुआं हरियाणा के करनाल में पराली जलने के कारण आता है।’’ 

केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने कहा कि पराली जलाने से निकलने वाला धुआं 15 अक्टूबर तक दिल्ली के प्रदूषण का छह फीसदी हिस्सा बन जाएगा। ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ के 10 सदस्यीय कार्य बल ने शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं और दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता पर इसके अनुमानित प्रभाव को लेकर एक बैठक आयोजित की थी। दिल्ली में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार कई उपाय करने की तैयारी में है।

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर

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