'BJP देश को बांटने की कर रही कोशिश, NRC की वजह से छिड़ जाएगा गृह युद्ध'
By भाषा | Published: July 31, 2018 09:07 PM2018-07-31T21:07:17+5:302018-07-31T21:09:27+5:30
बनर्जी ने यहां एक सम्मेलन में कहा, ‘‘एनआरसी राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। वे (भाजपा) लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा।’’
नई दिल्ली, 31 जुलाईःपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की कवायद राजनैतिक उद्देश्यों से की गई ताकि लोगों को बांटा जा सके। उन्होंने आगाह किया कि इससे देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा। भाजपा पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यह पार्टी देश को बांटने का प्रयास कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बनर्जी ने यहां एक सम्मेलन में कहा, ‘‘एनआरसी राजनैतिक उद्देश्यों से किया जा रहा है। हम ऐसा होने नहीं देंगे। वे (भाजपा) लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इस स्थिति को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। देश में गृह युद्ध, रक्तपात हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के सदस्यों के नाम भी एनआरसी में शामिल नहीं हैं। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को चुनौती दी कि वह पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने का प्रयास करे और कहा कि वह राज्य में कभी सत्ता में नहीं आ सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा में यह कहने का साहस है कि वह बंगाल में एनआरसी लागू करेगी और सिर्फ ये सोचती है कि वे और उनके समर्थक ही भारत में रहेंगे और शेष लोगों को देश छोड़ना होगा।’’ बनर्जी ने कहा कि मौजूदा स्थिति जारी नहीं रह सकती है और वह सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ विरोध की आवाज बुलंद करती रहेंगी।
उन्होंने सभी समुदायों से अपील की कि वे सरकार के फैसले के खिलाफ जोर लगाएं। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी हमें निर्देश नहीं दे सकता है। यह भारत की राजनीति नहीं है। भारत की राजनीति सहिष्णुता के बारे में है।’’
असम में रह रहे असली भारतीय नागरिकों की पहचान के लिये उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रही व्यापक कवायद के तहत अंतिम मसौदा सूची में 40 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली है।
इस मुद्दे की गूंज संसद के दोनों सदनों में सुनाई पड़ी। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष से अपील की कि वह इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण नहीं करे क्योंकि सूची उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर प्रकाशित की गई है और केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी की मसौदा सूची में जिन लोगों के नाम नहीं हैं, उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें. यूट्यूब चैनल यहां सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट!