"संविधान की नई प्रतियों में 'समाजवादी', 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द गायब, सरकार की मंशा संदिग्ध है", अधीर रंजन चौधरी ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: September 20, 2023 11:20 IST2023-09-20T11:14:43+5:302023-09-20T11:20:03+5:30

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कहना है कि मोदी सरकार कथित तौर पर संविधान के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर रही है।

"The words 'socialist', 'secular' are missing in the new copies of the Constitution, the intention of the government is doubtful", said Adhir Ranjan Chaudhary | "संविधान की नई प्रतियों में 'समाजवादी', 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द गायब, सरकार की मंशा संदिग्ध है", अधीर रंजन चौधरी ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsकांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का मोदी सरकार पर बेहद गंभीर आरोप चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार कथित तौर पर संविधान के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर रही है।सरकार ने संविधान की जिन प्रतियों को बांटा है, उसमें 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं है

नई दिल्ली:कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह कथिततौर पर संविधान को बदलने की तैयारी कर रही है। लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस की अगुवाई करने वाले अधीर रंजन चौधरी कहना है कि मोदी सरकार कथित तौर पर संविधान के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की कार्यप्रणाली बेहद चिंताजनक है क्योंकि नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन नेताओं को संविधान की जो नई प्रतियां सौंपी गईं हैं, उसमें 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं है।

कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा, "संविधान की जो नई प्रतियां 19 सितंबर को हमें दी गईं, जिन्हें हम अपने हाथों में लेकर नए संसद भवन में पहली बार गए, उसकी प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं था।

उन्होंने आगे कहा, "हम जानते हैं कि संविधान में यह शब्द 1976 में सरकार द्वारा किये गये एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें इन दोनों शब्दों का न होना, बेहद चिंता का विषय है।"

इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया, ''मोदी सरकार की मंशा संदिग्ध मालूम होती है और यह बड़ी चतुराई से किया गया काम लगता है। इस मुद्दे को लेकर मेरे मन में काफी चिंता है।”

चौधरी ने कहा, ''मैंने खुद इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की है, लेकिन मुझे अभी तक सदन में इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला। अगर मिलेगा तो मैं जरूर इस विषय में सरकार से सवाल करूंगा।"

इससे पहले मंगलवार को पांच दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन नए संसद परिसर के लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि किसी को भी 'इंडिया' और 'भारत' के बीच अनावश्यक दरार पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। भारत के संविधान के अनुसार दोनों में कोई अंतर नहीं है।

उन्होंने कहा, "यह संविधान हमारे लिए गीता, कुरान और बाइबिल से कम नहीं है। अनुच्छेद 1 कहता है कि इंडिया यानी भारत राज्यों का एक संघ होगा। इसका मतलब है कि 'इंडिया' और 'भारत' में कोई अंतर नहीं है। इसलिए यह बेहतर होगा कि कोई भी अनावश्यक रूप से दोनों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश न करे।"

मालूम हो कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G20 राष्ट्राध्यक्षों के सम्मान में दिये रात्रिभोज के निमंत्रण में 'इंडिया' की बजाय 'भारत' के राष्ट्रपति के नाम पर भेजा गया था।

Web Title: "The words 'socialist', 'secular' are missing in the new copies of the Constitution, the intention of the government is doubtful", said Adhir Ranjan Chaudhary

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