नए भारत के विकास की गाड़ी आधुनिकता और गरीब कल्याण की पटरी पर आगे बढ़ेगी: मोदी
By भाषा | Updated: July 16, 2021 22:04 IST2021-07-16T22:04:30+5:302021-07-16T22:04:30+5:30

नए भारत के विकास की गाड़ी आधुनिकता और गरीब कल्याण की पटरी पर आगे बढ़ेगी: मोदी
नयी दिल्ली/अहमदाबाद, 16 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात में 1,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का उद्घाटन कर उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया और कहा कि नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। इनमें एक पटरी आधुनिकता की है तो दूसरी गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के कल्याण की।
प्रधानमंत्री ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें पुनर्विकसित गांधीनगर रेलवे स्टेशन के ऊपर बना एक नए पांच सितारा होटल सहित रेलवे की अनेक परियोजनाएं, गुजरात साइंस सिटी में एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी तथा नेचर पार्क भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी भीषण हादसों और अव्यवस्था की शिकायतों के लिए मीडिया में छाई रहने वाली भारतीय रेल आज सकारात्मकता लेकर आती है और आज भारतीय रेल को दुनिया के आधुनिकतम नेटवर्क और मेगा परियोजनाओं के लिए चर्चा में स्थान मिलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज भारतीय रेल को देखने का अनुभव और नजरिया दोनों बदल रहे हैं और मैं गर्व से कहूंगा कि आज की यह परियोजनाएं भारतीय रेल के इसी नए अवतार की झांकी हैं।’’
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हुए।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी के भारत की जरूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती इसलिए रेलवे में नए सिरे से सुधार की जरूरत थी।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर पुनर्निर्मित वडनगर रेलवे स्टेशन का भी उद्घाटन किया। वह कभी इस स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने नये सिरे से तैयार किए गए वडनगर स्टेशन को देखने की इच्छा भी जताई।
प्रधानमंत्री मोदी के पिता दामोदर दास मोदी गुजरात के महेसाणा जिले में स्थित वडनगर स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। बचपन में मोदी चाय बेचने में अपने पिता का हाथ बंटवाते थे।
वडनगर गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है।
उन्होंने कहा, ‘‘आज वडनगर भी इस विस्तार का हिस्सा बन चुका है। मेरी तो वडनगर स्टेशन से कितनी ही यादें जुड़ी हैं। नया स्टेशन वाकई बहुत आकर्षक लग रहा है। इस नई ब्रॉडगेज लाइन के बनने से वडनगर-मोढेरा-पाटन हेरिटेज सर्किट अब बेहतर रेल सेवा से जुड़ जाएगा। इससे अहमदाबाद-जयपुर-दिल्ली मेन लाइन से सीधा संपर्क भी हो गया है।’’
उन्होंने कहा कि इस लाइन के शुरू होने से इस पूरे क्षेत्र में सुविधा के साथ-साथ रोज़गार और स्वरोजगार के नए अवसर भी खुल गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं का उन्होंने उद्घाटन किया हैं वह प्रत्यक्ष देखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इनको रूबरू देखने की उत्सुकता मैं बयान नहीं कर सकता। मैं मौका मिलते ही खुद भी इसे देखने के लिए आऊंगा।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन, 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं, युवा भारत की भावनाओं और संभावनाओं का बहुत बड़ा प्रतीक है तथा नए भारत की नई पहचान में आज एक और कड़ी जुड़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी के भारत की जरूरत 20वीं सदी के तौर-तरीकों से पूरी नहीं हो सकती थी। इसलिए रेलवे में नए सिरे से सुधार की जरूरत थी। हमने रेलवे को सिर्फ एक सर्विस के तौर पर नहीं बल्कि एक धरोहर के तौर पर विकसित करने के लिए काम शुरू किया। आज इसके परिणाम दिखने लगे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में रेलवे की भूमिका हमेशा से बहुत बड़ी रही है और रेलवे अपने साथ-साथ विकास के नए आयाम व सुविधाओं के नए आयाम लेकर भी पहुंचती है।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों का प्रयास ही है कि आज पूर्वोत्तर के राज्यों की राजधानियों तक पहली बार रेल पहुंच रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘नए भारत के विकास की गाड़ी दो पटरियों पर एक साथ चलते हुए ही आगे बढ़ेगी। एक पटरी आधुनिकता की, दूसरी पटरी गरीब, किसान और मध्यम वर्ग के कल्याण की।’’
गांधीनगर स्टेशन पर बना पांच सितारा होटल 318 कमरों वाला है और 790 करोड़ रुपये की लागत से बना है। गांधीनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और उसके ऊपर पांच सितारा होटल का निर्माण जनवरी 2017 में शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री मोदी ने इनकी आधारशिला रखी थी।
होटल के ठीक सामने एक सम्मेलन केंद्र स्थापित किया गया है जिसका नाम महात्मा मंदिर है। यहां संगोष्ठियों और सम्मेलनों में हिस्सा लेने वाले राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय अतिथि इस होटल में ठहर सकते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा पुनर्विकसित स्टेशन है जहां सुविधाएं हवाई अड्डों जैसी हैं। स्टेशन पर दो ऐस्केलेटर, दो ऐलीवेटर और प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाले दो भूमिगत पैदल पार पथ हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गांधीनगर का आधुनिक रेलवे स्टेशन इस बात का भी बहुत बड़ा प्रमाण है कि रेलवे के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए, इसको आर्थिक गतिविधियों का केंद्र भी बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए रेलवे की पटरियों के ऊपर ऐसा होटल बना दिया है, जहां से रेल चलती हुई तो दिख सकती है लेकिन महसूस नहीं होती। जमीन उतनी ही है, लेकिन उसका उपयोग दोगुना हो गया है। सुविधा भी बेहतरीन, पर्यटन और व्यापार-कारोबार भी उत्तम।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारतीय रेलवे की पहचान बदलने लगी है और आज जहां सुविधाएं भी बढ़ी है वहीं सुरक्षा भी बेहतर हुई है और गति भी तेज हुई है।
उन्होंने कहा कि रेलवे के संसाधनों का आधुनिकीकरण और उन्हें आधुनिक बनाने के अन्य प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आने वाले दिनों में जैसे ही समर्पित मालवाहक गलियारे शुरू हो जाएंगे, ट्रेनों की गति और बढ़ेगी । तेजस और वंदे भारत जैसी आधुनिक रेलगाड़ियां तो अभी से चलने भी लगी हैं। आज यह रेलगाड़ियां यात्रियों को एक नया और अद्भुत अनुभव दे रही हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल से सफर करने वाले सामान्य नागरिक को भी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिले तथा महिलाओं और छोटे बच्चों की विशेष जरूरतों को देखते हुए उनके लिए अच्छी व्यवस्था हो, रेलवे में प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद की साइंस सिटी में तीन नये आकर्षणों का उद्घाटन भी किया। इन आकर्षणों में एक एक्वेटिक गैलरी, एक रोबोटिक गैलरी और एक नेचर पार्क शामिल हैं।
एक्वेटिक गैलरी का निर्माण 260 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और यह देश का सबसे बड़ा एक्वेरियम है जबकि रोबोटिक गैलरी का निर्माण 127 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें 79 अलग-अलग प्रकार के 200 रोबोट रखे गए हैं।
करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से बना नेचर पार्क 20 एकड़ क्षेत्र में फैला है और उसमें जानवरों की मूर्तियां बनी हैं और अलग-अलग तरह के उद्यान भी हैं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गांधीनगर एवं वाराणसी के बीच एक नयी साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन, गांधीनगर एवं मेहसाणा के बीच एक मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन, 54 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत मेहसाणा-वरेठा ब्रॉड गेज रेल लाइन और सुरेंद्रनगर एवं पिपावाव स्टेशन के बीच 266 किलोमीटर लंबे रेल खंड को भी राष्ट्र को समर्पित किया।
उन्होंने वडनगर रेलवे स्टेशन की नयी इमारत का भी उद्घाटन किया जिसका निर्माण 8.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।