केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 12,328 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी

By एस पी सिन्हा | Updated: August 27, 2025 19:32 IST2025-08-27T19:32:44+5:302025-08-27T19:32:44+5:30

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम को लाभ पहुंचाने वाली 3 परियोजनाओं की मल्टी-ट्रैकिंग और गुजरात स्थित कच्छ के दूर-दराज के क्षेत्रों को जोड़ने के लिए नई रेल लाइन को मंजूरी दी।

The Union Cabinet approved four projects of the Ministry of Railways with a total cost of about Rs. 12,328 crore | केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 12,328 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 12,328 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय की लगभग 12,328 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं में (1) देशलपार - हाजीपीर- लूना और वायोर-लखपत नई लाइन, (2) सिकंदराबाद (सनथनगर)-वाडी तीसरी और चौथी लाइन, (3) भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन और फुर्केटिंग- न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण शामिल हैं। उपरोक्त परियोजनाओं का उद्देश्य यात्रियों और वस्‍तुओं दोनों का निर्बाध और त्‍वरित परिवहन सुनिश्चित करना है। 

यह पहल कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी और यात्रा सुविधा में सुधार के साथ-साथ लॉजिस्टिक्‍स लागत को कम करेंगी तथा तेल आयात पर निर्भरता कम करेंगी। इसके अतिरिक्त, ये परियोजनाएं कार्बनडाइऑक्‍साइड उत्सर्जन को कम करने में योगदान देंगी, जिससे स्‍थाई और कुशल रेल संचालन को बढ़ावा मिलेगा। 

ये परियोजनाएं अपने निर्माण के दौरान लगभग 251 लाख मानव-दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित करेंगी। प्रस्तावित नई रेल लाइन कच्छ क्षेत्र के सुदूर क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह गुजरात के विद्मान रेलवे नेटवर्क में 145 रूट किमी और 164 ट्रैक किमी जोड़ेगी, जिसकी अनुमानित लागत 2526 करोड़ रुपये है। 

परियोजना की पूर्ण होने की समय-सीमा 3 वर्ष है। गुजरात राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के अतिरक्‍त, यह नई रेल लाइन नमक, सीमेंट, कोयला, क्लिंकर और बेंटोनाइट के परिवहन में भी मदद करेगी। इस परियोजना का रणनीतिक महत्व यह है कि यह कच्छ के रण को कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। 

हड़प्पा स्थल धोलावीरा, कोटेश्वर मंदिर, नारायण सरोवर और लखपत किला भी रेल नेटवर्क के अंतर्गत आएंगे क्योंकि 13 नए रेलवे स्टेशन जोड़े जाएंगे जिससे 866 गांवों और लगभग 16 लाख आबादी को लाभ होगा। कनेक्टिविटी को व्‍यापक स्‍तर पर बढ़ावा देने के लिए स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 3,108 गांवों और लगभग 47.34 लाख की आबादी तथा एक आकांक्षी जिले (कलबुर्गी) तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम राज्यों को लाभ होगा। 

कर्नाटक और तेलंगाना में फैली 173 किलोमीटर लंबी सिकंदराबाद (सनथनगर) - वाडी तीसरी और चौथी लाइन के पूरा होने की समय-सीमा पांच वर्ष और लागत 5012 करोड़ रुपये है, जबकि बिहार में 53 किलोमीटर लंबी भागलपुर-जमालपुर तीसरी लाइन के लिए यह तीन साल है और इसकी लागत 1156 करोड़ रुपये है। 194 किलोमीटर लंबी फुरकेटिंग - न्यू तिनसुकिया दोहरीकरण परियोजना का कार्य, जिसकी लागत 3634 करोड़ रुपये है, चार वर्षों में पूरा होगा।

बढ़ी हुई लाइन क्षमता से गतिशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय रेलवे की प्रचालनगत दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इन मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्तावों से प्रचालनों का सुव्यवस्थित होना और भीड़भाड़ में कमी आना तय है। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नए भारत के विज़न के अनुरूप हैं, जो क्षेत्र के लोगों को व्यापक विकास के माध्यम से "आत्मनिर्भर" बनाएंगी जिससे उनके रोज़गार/स्वरोज़गार के अवसर बढ़ेंगे। 

ये परियोजनाएं पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप बनाई गई हैं, जिनका उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श के माध्यम से मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ाना है। गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार और असम राज्यों के 13 जिलों को कवर करने वाली ये चार परियोजनाएं भारतीय रेलवे के विद्यमान नेटवर्क को लगभग 565 किलोमीटर बढ़ा देंगी। 

ये कोयला, सीमेंट, क्लिंकर, फ्लाईऐश, स्टील, कंटेनर, उर्वरक, कृषि उत्पाद और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 68 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। 

रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण यह जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात (56 करोड़ लीटर) में कमी लाने तथा कार्बनडाइऑक्‍साईड उत्सर्जन (360 करोड़ किलोग्राम) कम करने में मदद करेगा, जो 14 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। 

प्रस्तावित परियोजनाओं का उद्देश्य कोयला, कंटेनर, सीमेंट, कृषि वस्तुओं, ऑटोमोबाइल, पीओएल, लोहा एवं इस्पात तथा अन्य वस्तुओं के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण मार्गों पर लाइन क्षमता बढ़ाकर लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि करना है। इन सुधारों से आपूर्ति श्रृंखलाओं के इष्‍टतम होने और त्वरित आर्थिक विकास में सहायता मिलने की उम्मीद है।

Web Title: The Union Cabinet approved four projects of the Ministry of Railways with a total cost of about Rs. 12,328 crore

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