मस्जिद के न्यासी धार्मिक स्थलों पर 1991 के कानून के खिलाफ याचिका के विरोध में न्यायालय पहुंचे

By भाषा | Updated: March 20, 2021 23:03 IST2021-03-20T23:03:25+5:302021-03-20T23:03:25+5:30

The trustees of the mosque reached the court in protest against the petition against the 1991 law at religious places | मस्जिद के न्यासी धार्मिक स्थलों पर 1991 के कानून के खिलाफ याचिका के विरोध में न्यायालय पहुंचे

मस्जिद के न्यासी धार्मिक स्थलों पर 1991 के कानून के खिलाफ याचिका के विरोध में न्यायालय पहुंचे

नयी दिल्ली, 20 मार्च लखनऊ में 350 साल पुरानी टीले वाली मस्जिद के न्यासी (ट्रस्टी) ने धार्मिक स्थलों से संबंधित 1991 के एक कानून को चुनौती देने वाली जनहित याचिका का विरोध करने के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है।

इस कानून के प्रावधान किसी उपासना स्थल पर फिर से दावा करने या 15 अगस्त 1947 में मौजूद स्थिति से इसके स्वरूप में बदलाव करने की मांग करने के लिए मुकदमा दायर करने पर रोक लगाते हैं।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 12 मार्च को उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम,1991 के विवादास्पद प्रावधानों की पड़ताल करने पर सहमति दी थी। प्रावधान के मुताबिक राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छोड़ कर अन्य धार्मिक स्थल से संबद्ध इस तरह के किसी भी विवाद को अदालत में फिर से नहीं खोला जा सकता है।

भाजपा नेता एवं अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने यह याचिका दायर कर दावा किया है कि सरकार धार्मिक स्थल पर फिर से दावा करने के लिए अदालत का रुख करने के अधिकार पर रोक लगाने के वास्ते कानून नहीं बना सकती।

अब, लखनऊ की 350 साल पुरानी टीलेवाली मस्जिद के सह-मुतवल्ली वसीफ हसन ने लंबित पीआईएल में एक अर्जी लगा कर इस जनहित याचिका पर भविष्य में होने वाली सुनवाई में पक्षकार के तौर पर हस्तक्षेप करने देने की अनुमति मांगी है।

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Web Title: The trustees of the mosque reached the court in protest against the petition against the 1991 law at religious places

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