शीर्ष अदालत का कफील खान की नजरबंदी निरस्त करने के उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार

By भाषा | Updated: December 17, 2020 17:31 IST2020-12-17T17:31:33+5:302020-12-17T17:31:33+5:30

The top court refuses to interfere with the High Court order revoking Kafeel Khan's detention | शीर्ष अदालत का कफील खान की नजरबंदी निरस्त करने के उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार

शीर्ष अदालत का कफील खान की नजरबंदी निरस्त करने के उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत डॉ. कफील खान की नजरबंदी रद्द करने के इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह ‘‘एक अच्छा फैसला है।’’

उच्च न्यायालय ने एक सितम्बर को डॉ कफील की नजरबंदी निरस्त करते हुये उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा करने का आदेश दिया था।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा, ‘‘हम इस फैसले में हस्तक्षेप नही करेंगे। हालांकि, हमारी टिप्पणी किसी अन्य कार्यवाही को प्रभावी नहीं करेगी।’’

पीठ उच्च न्यायालय के एक सितंबर के फैसले के खिलाफ उप्र सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

राज्य की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी आपरााधिक कार्यवाहियों में खान को निर्दोष ठहराती है।

पीठ ने कहा, ‘‘ आपराधिक मामलों का फैसला उनके गुण-दोष के आधार पर किया जाएगा।’’

उच्च न्यायालय ने एक सितंबर को डा. कफील खान की नजरबंदी निरस्त करते हुये तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था। डा कफील खान संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कथित भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी से नजरबंद थे।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून विरोधी आन्दोलन के दौरान उनके भाषण ने नफरत फैलाई और न ही हिंसा को बढ़ावा दिया बल्कि उन्होंने तो राष्ट्रीय एकता का आह्वाहन किया था।

गौरतलब है कि अगस्त 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत के मामले के बाद कफील चर्चा में आये थे। वह आपात ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर बच्चों की जान बचाने वाले नायक के तौर पर सामने आए थे, लेकिन बाद में उनपर और अस्पताल के नौ अन्य डॉक्टरों तथा स्टाफ के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सभी को बाद में जमानत मिल गई।

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Web Title: The top court refuses to interfere with the High Court order revoking Kafeel Khan's detention

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