न्यायालय ने ममता के चुनाव एजेंट के खिलाफ मामलों को फिर शुरू करने के आदेश पर रोक लगायी
By भाषा | Updated: March 26, 2021 22:09 IST2021-03-26T22:09:51+5:302021-03-26T22:09:51+5:30

न्यायालय ने ममता के चुनाव एजेंट के खिलाफ मामलों को फिर शुरू करने के आदेश पर रोक लगायी
नयी दिल्ली, 26 मार्च उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसके फलस्वरूप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट के खिलाफ 2007-09 के बीच राज्य सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण को लेकर नंदीग्राम के आंदोलन से जुड़े कई आपराधिक मामले फिर से खुल गए थे।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा, "चूंकि याचिकाकर्ता (चुनाव एजेंट) को प्रभावित करने वाले आदेश को उनका पक्ष सुने बिना पारित किया गया था, इसलिए हम पांच मार्च, 2021 के आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित करना उचित समझते हैं।" ”
याचिकाकर्ता, एस के सुपियान ने कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा दो जनहित याचिकाओं पर जारी आदेश को चुनौती दी है। याचिकाओं में नंदीग्राम में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) बनाने के लिए राज्य द्वारा भूमि के कथित अनुचित अधिग्रहण पर विरोध से जुड़े विभिन्न आपराधिक मामलों में अभियोजन की वापसी को चुनौती दी गयी है।
वरिष्ठ वकील विकास सिंह के जरिए सुपियान ने दलील दी कि जनहित याचिकाओं में उन्हें पक्ष नहीं बनाया गया था और आपराधिक मामले फिर से शुरू करने से 1951 के जनप्रतिनिधि कानून के तहत उनके चुनाव एजेंट के रूप में कार्य करने की क्षमता बाधित होती है।
सिंह ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका भाजपा के एक सदस्य द्वारा दायर की गई थी। उन्होंने कहा कि एक अंतरिम आदेश के जरिए मामले को फिर से शुरू किया गया है... मैं (याचिकाकर्ता) मुख्यमंत्री का चुनाव एजेंट हूं और इस आदेश के कारण, मैं वस्तुतः अयोग्य हो गया हूं।
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