जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

By भाषा | Updated: May 24, 2021 12:56 IST2021-05-24T12:56:38+5:302021-05-24T12:56:38+5:30

The court sought a response from the Center, Delhi government, on the petition against the amendment of the GNCTD Act | जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन के खिलाफ याचिका पर अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार से जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 24 मई दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) कानून में संशोधन को असंवैधानिक करार देने के अनुरोध वाली एक याचिका पर सोमवार को केंद्र तथा दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। इस संशोधन के जरिए उप राज्यपाल की शक्तियां बढ़ गई हैं।

यह याचिका नीरज शर्मा नाम के व्यक्ति ने दायर की है। याचिकाकर्ता स्वयं को आम आदमी पार्टी (आप) का सदस्य बताता है।

कानून में संशोधन 27 अप्रैल को प्रभाव में आया था, उसके बाद से इसे चुनौती देने वाली यह तीसरी याचिका है। इनमें से एक याचिका एक अधिवक्ता ने तथा दूसरी कानून के छात्र ने दायर की थी।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल तथा न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि पहले ही दो याचिकाओं पर नोटिस जारी किया जा चुका है, इसलिए हालिया याचिका में भी समान आदेश ही दिया जायेगा।

पीठ ने कानून मंत्रालय तथा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर उन्हें इस याचिका पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष के त्रिपाठी ने प्रदेश सरकार की ओर से नोटिस स्वीकार किया।

याचिका में कहा गया है कि संशोधित जीएनसीटीडी कानून संविधान के विभिन्न मौलिक अधिकारों और अनुच्छेद 239एए का विरोधाभासी है। याचिका के अनुसार, यह कानून उच्चतम न्यायालय के उस फैसले के भी खिलाफ है जिसमें कहा गया है कि उप राज्यपाल को सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि से संबंधित अधिकार होंगे तथा अन्य सभी चीजों के लिए वह मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार काम करने के लिए बाध्य होंगे।

एक अधिवक्ता द्वारा समान अनुरोध को लेकर पहले दायर की गई याचिका में कहा गया था कि इस अधिनियम के कारण नागरिकों के बीच इस बात को लेकर भ्रम पैदा होगा कि राष्ट्रीय राजधानी के संबंध में फैसले आखिरकार कौन लेगा।

वहीं कानून के छात्र द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कानून के प्रावधान उप राज्यपाल तथा दिल्ली सरकार की शक्तियों के बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेश के विरोधाभासी हैं। याचिका में कहा गया है कि संशोधित जीएनसीटीडी कानून संविधान के विभिन्न मौलिक अधिकारों और अनुच्छेद 239एए का भी विरोधाभासी है।

शर्मा द्वारा दायर हालिया याचिका में कहा गया है कि किसी भी शासकीय कार्रवाई से पहले उप राज्यपाल की अनुमति लेने को अनिवार्य बनाना मनमाना कदम है और यह संविधान के अनुच्छेद अनुच्छेद 239एए तथा अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करता है।

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Web Title: The court sought a response from the Center, Delhi government, on the petition against the amendment of the GNCTD Act

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