कोहिमा, 27 मई गौहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ ने नगालैंड सरकार को पृथक-वास केंद्र बनाने, जांच की सुविधा बढ़ाने, कोविड-19 की सभी जांच निशुल्क करने और युद्ध स्तर पर टीकाकरण के लिए कदम उठाने को कहा है।
गौहाटी उच्च न्यायालय की कोहिमा पीठ के न्यायमूर्ति सोंगखुपचुंग सेरटो और न्यायमूर्ति एस हकातो स्वू ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया। इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह में होगी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि पिछले साल जब नगालैंड में महामारी की शुरुआत हुई थी तब राज्य सरकार ने संक्रमित पाए जाने वाले लोगों के लिए पृथक-वास केंद्र बनाए थे जबकि गांवों में लोगों ने खुद ही इस तरह के केंद्र बना लिए थे लेकिन इस बार इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गयी।
अदालत ने कहा कि इसके बजाए संक्रमित लोगों को गृह पृथक-वास में रहने के लिए छोड़ दिया गया।
अदालत ने कहा कि जिन परिवारों के पास गृह पृथक-वास के लिए जगह उपलब्ध नहीं है, उनके पृथक-वास के लिए सरकार को एक स्थान निर्धारित करना चाहिए।
कोविड-19 के नमूनों की जांच को लेकर शुल्क लेने के संबंध में अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से पेश वकील एम मोझुई ने स्पष्ट किया है कि शुल्क केवल उन लोगों से लिए जा रहे हैं, जो इसे स्वेच्छा से देना चाहते हैं। साथ ही सरकार ने कहा है जगह-जगह औचक जांच शिविर भी लगाए जा रहे और ऐसी कवायद के दौरान लोगों से शुल्क नहीं लिए जाते हैं।
अदालत ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और राज्य सरकार को जांच की सुविधा बढ़ाने और स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इस सुविधा की शुरुआत करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा, ‘‘हमें पता है कि आरटी-पीसीआर जांच की सुविधा केवल दीमापुर, कोहिमा और त्वेनसांग में ही उपलब्ध है। राज्य कुछ अन्य स्थानों पर भी इस सुविधा की शुरुआत करने का फैसला कर सकता है।’’
टीकाकरण के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि जल्द से जल्द टीके उपलब्ध होने चाहिए और युद्ध स्तर पर टीकाकरण कार्यक्रम चलाए जाने की जरूरत है।
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