उच्च न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड से सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट नजफगढ़ नाले में छोड़ दिये जाने वाले याचिका पर मांगा जवाब

By भाषा | Published: May 15, 2020 08:14 PM2020-05-15T20:14:49+5:302020-05-15T20:14:49+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड से सरकारी एजेंसियों द्वारा सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट को शोधित किए बिना ही नजफगढ़ नाले में छोड़ दिये जाने वाले याचिका पर जवाब मांगा है।

The court asked Delhi government DJB to respond to the disposal of waste discharged into the drain | उच्च न्यायालय ने दिल्ली जल बोर्ड से सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट नजफगढ़ नाले में छोड़ दिये जाने वाले याचिका पर मांगा जवाब

मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में सेप्टिक टैंकों से एकत्र किया गया अपशिष्ट किसी नाले में या खुली नालियों में न छोड़ा जाए। (photo-social media)

Highlightsदिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड से एक याचिका पर जवाब मांगा है। आरोप लगाया गया है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट को शोधित किए बिना ही नजफगढ़ नाले में छोड़ दिया जाता है जो बाद में यमुना नदी में बह जाता है।

नई दिल्ली:दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड से एक याचिका पर जवाब मांगा है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट को शोधित किए बिना ही नजफगढ़ नाले में छोड़ दिया जाता है जो बाद में यमुना नदी में बह जाता है। न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा कि नजफगढ़ के संबद्ध जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करें कि क्षेत्र में सेप्टिक टैंकों से एकत्र किया गया अपशिष्ट किसी नाले में या खुली नालियों में न छोड़ा जाए।

अदालत ने मामले को 27 मई को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। नजफगढ़ के रहने वाले याचिकाकर्ता योगेश कुमार ने कहा कि इस इलाके में जल-मल निकासी और जलापूर्ति व्यवस्था नहीं है जिसके चलते निवासियों ने अपन अपने घरों में अलग-अलग आकार के सेप्टिक टैंक लगाए हैं। इस क्षेत्र के घरों में सीवेज का अपशिष्ट सेप्टिक टैंकों में एकत्र किया जाता है, जिसे सरकारी अधिकारियों या निजी आपरेटरों द्वारा तैनात कर्मियों अथवा लाइसेंसधारियों द्वारा साफ किया जाता है।

वकील अभिमन्यु महाजन के माध्यम से दी गई याचिका में कहा गया है कि इन एजेंसियों द्वारा सेप्टिक टैंकों से एकत्रित अपशिष्ट का उपचार जल-मल शोधक संयत्रों में किया जाना आवश्यक है जो नहीं किया जा रहा है। याचिका में आरोप लगाया गया है, ‘‘जल-मल शोधन संयंत्र में शोधित किए बिना ही अपशिष्ट को सीधे नजफगढ़ नाले या इलाके के किसी अन्य खुले नाले में छोड़ दिया जाता है जो बाद में यमुना नदी में बह जाता है।

’’ दिल्ली जल बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाली वकील संगीता भारती ने कहा कि लाइसेंस नागरिक निकाय एजेंसी द्वारा जारी किए जा रहे हैं, लेकिन प्रक्रिया का पर्यवेक्षण और कार्यान्वयन दिल्ली सरकार द्वारा गठित संबंधित जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा किया जाता है। दिल्ली सरकार के वकील ऋषिकेश ने कहा कि वह इस मुद्दे पर निर्देश लेंगे और हलफनामा दाखिल करेंगे। 

Web Title: The court asked Delhi government DJB to respond to the disposal of waste discharged into the drain

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