कोविड-19 मरीजों के लिये 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने पर रोक के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष अदालत करेगी सुनवाई

By भाषा | Updated: November 9, 2020 22:24 IST2020-11-09T22:24:48+5:302020-11-09T22:24:48+5:30

The apex court will hear on Tuesday against the ban on reserved 80 percent ICU beds for Kovid-19 patients. | कोविड-19 मरीजों के लिये 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने पर रोक के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष अदालत करेगी सुनवाई

कोविड-19 मरीजों के लिये 80 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित रखने पर रोक के खिलाफ मंगलवार को शीर्ष अदालत करेगी सुनवाई

नयी दिल्ली, नौ नवंबर कोविड-19 मरीजों के लिये निजी अस्पतालों में आईसीयू में 80 फीसदी बेड आरक्षित रखने के आदेश पर दिल्ली उच्च न्यायालय की रोक के खिलाफ आप सरकार की अपील पर शीर्ष अदालत मंगलवार को सुनवाई करेगी।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ उच्च न्यायालय द्वारा लगाई गयी रोक हटाने के आवेदन पर सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत में इस समय दीवाली का अवकाश है।

उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 22 सितंबर को दिल्ली सरकार के 12 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी थी। दिल्ली सरकार ने राजधानी के 33 बड़े निजी अस्पतालों में आईसीयू के 80 फीसदी बेड कोविड-19 के मरीजों के लिये आरक्षित रखने का आदेश दिया था।

सरकार ने एकल पीठ के आदेश को उच्च न्यायालय की खंडपीठ में चुनौती दे रखी है जहां यह मामला 27 नवंबर के लिये सूचीबद्ध है

एकल पीठ ने दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगाते हुये सख्ती के साथ सवाल किया था कि क्या गैर कोविड-19 के मरीजों को जीने का अधिकार है या नहीं।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि पहली नजर में सरकार का आदेश मनमानीपूर्ण, अनुचित और संविधान मे नागरिकों को प्रदत्त मौलिक अधिकारों का हनन करता है।

अदालत ने कहा था, ‘‘क्यों अन्य मरीजों को जीने का अधिकार है या नहीं या अब सरकार यह कहती है कि सिर्फ कोविड-19 के मरीजों को ही जीने का अधिकार है। मरीज वहां छुट्टियां मनाने नहीं जा रहे। वह आपातस्थिति में ही जाता है।’’

अदालत ने अपनी तल्ख टिप्पणियों में कहा, ‘‘आप (दिल्ली सरकार) इन दोनों (कोविड-19 और गैर कोविड-19) के बीच भेदभाव क्यों करते हैं? आप आईसीयू का बेड कोविड-19 मरीज के लिये खाली क्यों रखते हैं और दूसरा जिसे जरूरत है वह मर सकता है? अगर एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है और आप कह रहे हैं कि उसे सड़क पर ही मर जाना चाहिए।’’

एकल पीठ ने एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स की याचिका पर यह आदेश दिया था।

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हुयी है और इसी के मद्देनजर आप सरकार ने निजी अस्पतालों में आईसीयू के बेड आरक्षित रखने का आदेश दिया था।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर भारत में कोविड-19 के 45,903 नये मामले सामने आने के साथ ही मरीजों की संख्या 85,53,657 पहुंच गयी है और इससे ठीक होने वालों की दर 92.56 हो गयी है।

इस बीमारी से 490 व्यक्तियों की मृत्यु होने के साथ कोविड-19 से मरने वालों की संख्या सवेरे आठ बे तक 1,26,611 हो गयी थी।

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Web Title: The apex court will hear on Tuesday against the ban on reserved 80 percent ICU beds for Kovid-19 patients.

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