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पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान, मुख्यमंत्री डॉ. यादव

By संदीप दाहिमा | Updated: December 2, 2025 20:56 IST

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website  -   www.mpinfo.orgजनसंपर्क संचालनालयमध्यप्रदेश शासनसमाचारपंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में देती हैं महत्वपूर्ण योगदान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

ग्राम विकास से संबंधित सभी विभाग समग्र ग्राम विकास की अवधारणा के अनुसार योजनाओं का क्रियान्वयन करें सुनिश्चित

अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों को सशक्त करते हुए उनके विकास के लिए बनाई जाए कार्य योजना

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा

दो वर्ष की उपलब्धियों, नवाचारों पर हुआ प्रेजेंटेशन आगामी कार्य योजना संबंधी दिए निर्देशभोपाल : 2 दिसम्बर, 2025

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, स्वच्छता और ग्रामों को सड़कों के माध्यम से विकास की मुख्य धारा में जोड़ने में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गतिविधियां आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के अनुसार वर्ष 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में इस विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा अनुवीक्षण में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी अद्यतन तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विधानसभा स्थित समिति कक्ष में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की उपलब्धियों और प्राथमिकताओं पर बैठक को संबोधित कर रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव श्री नीरज मंडलोई तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में महात्मा गांधी नरेगा, पंचायतराज, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की 2 वर्ष की उपलब्धियों और नवाचारों का प्रेजेंटेशन किया गया तथा आगामी कार्ययोजना के संबंध में निर्देश दिए गए।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन तथा ग्राम विकास से संबंधित अन्य विभागों को सम्मिलित करते हुए समग्र ग्राम विकास की अवधारणा के अनुसार योजनाओं का समन्वित रूप से क्रियान्वयन किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को गति देने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों को सशक्त करते हुए उनके विकास के लिए कार्य योजना बनाई जाए तथा नगरीय निकायों के मध्य विद्यमान पंचायतें परस्पर समन्वय से सड़कें तथा अन्य आवश्यक अधोसंरचनाएं विकसित करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य शासन की दो वर्ष की उपलब्धियों के प्रेजेंटेशन में जानकारी दी गई कि :-प्रदेश में 922 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से 2 हजार 472 ग्राम सेवा सदन (पंचायत भवन), 557 करोड़ रूपए लागत के 106 अटल सुशासन भवन (जनपद पंचायत भवन) और 50 करोड़ रूपए लागत के 5 अटल जिला सुशासन भवन (जिला पंचायत भवन) स्वीकृत किए गए।

855 करोड़ रूपए लागत के 3 हजार 560 सामुदायिक भवन निर्माण को स्वीकृति प्रदान की गई। नर्मदा परिक्रमा पथ के 231 आश्रय स्थलों और 89 नदियों के उद्गम स्थलों पर पौध-रोपण कार्य के लिए 7 करोड़ 50 लाख रूपए के फेंसिंग कार्य स्वीकृत किए गए। प्रत्येक विधानसभा में मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के अंतर्गत 155 विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामों का चयन किया जा चुका है। जल गंगा संवर्धन अभियान 2024 के अंतर्गत 1368 करोड़ रूपए के 60 हजार 428 कार्य किए गए। वर्ष 2025 के अंतर्गत 3 हजार करोड़ रूपए के कार्य लिए गए हैं। एक बगिया मां के नाम अंतर्गत 750 करोड़ रूपए लागत से 31 हजार 142 कार्य किए गए। महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 1897 लाख और वर्ष 2025-26 में 1404 लाख मानव दिवस का सृजन किया गया। "कैच द रेन" अभियान के अंतर्गत प्रदेश के खरगौन जिले को नेशनल वाटर अवार्ड 2024 प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 1224 जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण कर वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र में 6170 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा का सृजन किया गया, 67 कृषक सुविधा सह कस्टम हायरिंग सेंटर का निर्माण प्रचालन एफपीओ के माध्यम से किया गया। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण में वर्ष 2024-25 में 44 लाख 22 हजार और वर्ष 2025-26 में अक्टूबर 2025 तक 37 लाख 23 हजार विद्यार्थी लाभान्वित हुए। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत लखपति दीदी की श्रेणी में 11 लाख 27 हजार 37 परिवार पिछले दो वर्ष में दर्ज हुए। आजीविका मिशन के अंतर्गत 19,995 ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए कौशल प्रशिक्षण तथा 16,975 युवाओं को रोजगार दिया गया। लगभग 65 हजार प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। इसके साथ ही 2 लाख 36 हजार 214 समूहों को 5 हजार 658 करोड़ रूपए से अधिक का बैंक लिंकेज प्रदान किया गया और 3,395 स्व-सहायता समूहों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ऑनबोर्ड किया गया। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के अंतर्गत 11 लाख 72 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध 11 लाख 46 हजार आवास स्वीकृत कर मध्यप्रदेश, देश में प्रथम रहा। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व के लिए 2 लाख 87 हजार 279 पारिवारिक व्यक्तिगत शौचालय और 1,417 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया। 21,186 ग्रामों को ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित किया गया है। गोबरधन योजना के अंतर्गत 73 बायो गैस संयंत्रों का निर्माण किया गया। प्रदेश के 16 हजार 56 ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधित घोषित किए गए हैं। ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना में 21 हजार 630 करोड़ रूपए लागत की 30 हजार 900 कि.मी. सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गत 2 वर्षों में किए गए नवाचारों की जानकारी प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि :-सम्पर्कविहीन बस्तियों की पहचान के लिए उपग्रह चित्रों और सम्पर्कता सर्वेक्षण मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है।एक बगिया मां के नाम परियोजना के कार्यों की भौतिक निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जा रही है। 

ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्य योजना तैयार करने के लिए प्लानर सॉफ्टवेयर, जल संरक्षण, पौध-रोपण, भौतिक अधोसंरचना कार्यों के वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से चयन के लिए सिपरी सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। परियोजनाओं की मॉनीटरिंग में एआई आधारित डैश बोर्ड का भी उपयोग किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, युवाओं को शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए 72 आजीविका पुस्तकालय आरंभ किए गए हैं। नक्सल प्रभावित जिलों में विकेंद्रीकृत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया है। एलआईसी के सहयोग से 1,258 स्व-सहायता समूहों को बीमा सखी के रूप में ऑनबोर्ड किया गया। स्व-सहायता समूहों से जुड़ी प्रशिक्षण गतिविधियां लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर आरंभ की गईं। स्व-सहायता समूहों की बैठकों की मॉनीटरिंग के लिए भी एप का उपयोग किया जा रहा है। शालाओं के पाठ्यक्रम में स्वच्छता संबंधी विषयों को जोड़ा गया है।बैठक में आगामी तीन वर्षों की कार्य योजना के संबंध में बताया गया कि -स्वीकृत गतिविधियों को समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करना सुनिश्चित  किया जाएगा। आत्मनिर्भर पंचायत की दिशा में पंचायतों के आय के स्त्रोत बढ़ाने के लिए प्रयास होंगे। मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के तहत चयनित प्रत्येक ग्राम को मॉडल ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों के व्यवस्थित विकास के लिए मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत नियमों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन एवं विकास की अनुमति केन्द्रीकृत ऑनलाइन व्यवस्था पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। ग्रामों में सुगम आवागमन के लिए दोहरी संपर्कता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुगम संपर्कता परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। यशोदा दुग्ध प्रदाय योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी के समस्त बच्चों और कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पौष्टिक नाश्ते की व्यवस्था के लिए कार्यवाही जारी है। सांदीपनि शालाओं में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से मेकेनाईज्ड किचिन शेड का संचालन किया जाएगा। स्वच्छता के लिए व्यवहार परिवर्तन के उद्देश्य से सोशल मीडिया के माध्यम से गतिविधियां संचालित होंगी

प्रमुख बिन्दुग्राम स्तर पर रोजगार सृजन, स्वच्छता और ग्रामों को सड़कों के माध्यम से विकास की मुख्य धारा में जोड़ने में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के अनुसार वर्ष 2047 तक विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने में इस विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों और योजनाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।

योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा अनुवीक्षण में सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ी अद्यतन तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।।

बैठक में महात्मा गांधी नरेगा, पंचायतराज, प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा की 2 वर्ष की उपलब्धियों और नवाचारों का प्रेजेंटेशन किया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ही कृषि, सहकारिता, मत्स्य पालन तथा ग्राम विकास से संबंधित अन्य विभागों को सम्मिलित करते हुए समग्र ग्राम विकास की अवधारणा के अनुसार योजनाओं का समन्वित रूप से क्रियान्वयन किया जाए।

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना को गति देने के निर्देश, अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों को सशक्त करते हुए उनके विकास के लिए कार्य योजना बनाई जाए।

नगरीय निकायों के मध्य विद्यमान पंचायतें परस्पर समन्वय से सड़कें तथा अन्य आवश्यक अधोसंरचनाएं विकसित करें। 

प्रदेश में 2 हजार 472 ग्राम सेवा सदन (पंचायत भवन), 106 अटल सुशासन भवन (जनपद पंचायत भवन),    5 अटल जिला सुशासन भवन (जिला पंचायत भवन) स्वीकृत किए गए।

855 करोड़ रूपए लागत के 3 हजार 560 सामुदायिक भवन निर्माण को स्वीकृति।

नर्मदा परिक्रमा पथ के 231 आश्रय स्थलों और 89 नदियों के उद्गम स्थलों पर पौध-रोपण कार्य के लिए 7 करोड़ 50 लाख रूपए के फेंसिंग कार्य स्वीकृत।

मुख्यमंत्री वृन्दावन ग्राम योजना के अंतर्गत 155 विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामों का चयन।जल गंगा संवर्धन अभियान 2024 के अंतर्गत 1368 करोड़ रूपए के 60 हजार 428 कार्य किए गए।

महात्मा गांधी नरेगा के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 1897 लाख और वर्ष 2025-26 में 1404 लाख मानव दिवस का सृजन।प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 1224 जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण कर वर्षा आधारित कृषि क्षेत्र में 6170 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा का सृजन।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण में वर्ष 2024-25 में 44 लाख 22 हजार और वर्ष 2025-26 में अक्टूबर 2025 तक 37 लाख 23 हजार विद्यार्थी लाभान्वित।

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत लखपति दीदी की श्रेणी में 11 लाख 27 हजार 37 परिवार।

आजीविका मिशन के अंतर्गत 19,995 ग्रामीण युवाओं को रोजगार के लिए कौशल प्रशिक्षण तथा 16,975 युवाओं को रोजगार, लगभग 65 हजार प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा, 2 लाख 36 हजार 214 समूहों को 5 हजार 658 करोड़ रूपए से अधिक का बैंक लिंकेज प्रदान किया गया।

प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के अंतर्गत 11 लाख 72 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध 11 लाख 46 हजार आवास स्वीकृत कर मध्यप्रदेश, देश में प्रथम रहा। 

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खुले में शौच मुक्ति के स्थायित्व के लिए 2 लाख 87 हजार 279 पारिवारिक व्यक्तिगत शौचालय और 1,417 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों का निर्माण किया गया। 

प्रदेश के 16 हजार 56 ग्राम ठोस अपशिष्ट प्रबंधित घोषित किए गए हैं। 

ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री मजरा-टोला सड़क योजना में 21 हजार 630 करोड़ रूपए लागत की 30 हजार 900 कि.मी. सड़कों की स्वीकृति।

सम्पर्कविहीन बस्तियों की पहचान के लिए उपग्रह चित्रों और सम्पर्कता सर्वेक्षण मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग।

एक बगिया मां के नाम परियोजना के कार्यों की भौतिक निगरानी ड्रोन से।ग्राम पंचायतों की वार्षिक कार्ययोजना तैयार करने के लिए, सिपरी सॉफ्टवेयर विकसित

 परियोजनाओं की मॉनीटरिंग में एआई आधारित डैशबोर्ड का भी उपयोग।

नक्सल प्रभावित जिलों में विकेंद्रीकृत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आरंभ।

एलआईसी के सहयोग से 1,258 स्व-सहायता समूहों को बीमा सखी के रूप में ऑनबोर्ड किया।

स्व-सहायता समूहों से जुड़ी प्रशिक्षण गतिविधियां लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर आरंभ की।

अर्ध शहरी एवं बड़ी ग्राम पंचायतों के व्यवस्थित विकास के लिए मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत नियमों का युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। 

ग्रामीण क्षेत्रों में कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन एवं विकास की अनुमति केन्द्रीकृत ऑनलाइन व्यवस्था पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। 

ग्रामों में सुगम आवागमन के लिए दोहरी संपर्कता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुगम संपर्कता परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। 

यशोदा दुग्ध प्रदाय योजना के अंतर्गत आंगनवाड़ी के समस्त बच्चों और कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को पौष्टिक नाश्ते की व्यवस्था। क्रमांक : 7203H                                            सुरेश//संदीप कपूर

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