Tejasvi Surya's Sharp Claim: सिगरेट पैकेट पर वैधानिक चेतावनी, तंबाकू उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक?, कांग्रेस को वोट देना देश के लिए हानिकारक, तेजस्वी सूर्या का हमला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 13, 2024 19:00 IST2024-11-13T18:57:07+5:302024-11-13T19:00:01+5:30
Tejasvi Surya's Sharp Claim: बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या ने 20 नवंबर को महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “जैसे सिगरेट के पैकेट पर यह वैधानिक चेतावनी होती है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उसी तरह कांग्रेस पार्टी को वोट देना राज्य और देश के सामाजिक और आर्थिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।”

Tejaswi surya (file photo)
Tejasvi Surya's Sharp Claim: भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रमुख और बेंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या ने बुधवार को कांग्रेस की तुलना तंबाकू सेवन से करते हुए लोगों को आगाह किया कि इस विपक्षी पार्टी को वोट देने से देश का विकास बाधित हो सकता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद ने दावा किया कि कांग्रेस शासित कर्नाटक गंभीर वित्तीय अस्थिरता का सामना कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। सूर्या ने 20 नवंबर को महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “जैसे सिगरेट के पैकेट पर यह वैधानिक चेतावनी होती है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उसी तरह कांग्रेस पार्टी को वोट देना राज्य और देश के सामाजिक और आर्थिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।”
सूर्या ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार सरकारी ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने पर जोर दे रही है। उन्होंने दावा किया, ‘‘कर्नाटक के 20 से ज्यादा विधायकों ने पत्र लिखकर ऐसी मांगें की हैं।” उन्होंने पूछा, “देश का संविधान धर्म के आधार पर किसी भी आरक्षण की अनुमति नहीं देता।
कांग्रेस हमारे समाज को किस ओर ले जा रही है।” उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र के मतदाता कांग्रेस के घोषणापत्र पर भरोसा जताते हैं तो “महाराष्ट्र जल्द ही कर्नाटक जैसा बन जाएगा।” भाजपा नेता ने दावा किया कि अकेले कर्नाटक के बीजापुर जिले में वक्फ बोर्ड ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि पर दावा किया है।
उन्होंने कहा, “कर्नाटक के करीब 15 जिलों में मुख्यमंत्री के निर्देश पर अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री वक्फ अदालत लगा रहे हैं। बिना किसी नोटिस के जमीन वक्फ बोर्ड को हस्तांतरित की जा रही है।” सांसद ने दावा किया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने एक बैठक बुलाई और कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड से जुड़े अपने विवादास्पद निर्णय को वापस लेने का फैसला किया।
सूर्या ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि कर्नाटक सरकार ने स्वीकार किया है कि उसने यह निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य के शिगगांव, संदूर और चन्नपटना विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।