पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मंत्रियों के लिए एक गाइडलाइन जारी किया है और बताया है कि क्या करें और क्या न करें। तेजस्वी ने अपनी पार्टी के मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा है कि उनका ध्यान इमानदारी और पारदर्शिता से काम करने पर होना चाहिए। साथ ही एक विशेष पहल के रूप में तेजस्वी ने खास मौकों पर फूलों और गुलदस्तों के बजाय किताबों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया है।
तेजस्वी यादव ने अपने फेसबुक पेज पर राजद कोटे के मंत्रियों से आग्रह और निवेदन करते हुए लिखा, हमने राजद कोटे के सभी माननीय मंत्रियों से निम्नलिखित आग्रह का पालन करने का निवेदन किया है।
"सरकार में राष्ट्रीय जनता दल के कोटे से बने मंत्री विभाग में अपने लिए कोई नई गाड़ी नहीं खरीदेंगे।"
"राष्ट्रीय जनता दल के मंत्री उम्र में उनसे बड़े कार्यकर्ता, शुभचिंतक, समर्थक या किसी भी अन्य व्यक्ति को पाव नहीं छूने देंगे। शिष्टाचार और अभिवादन के लिए हाथ जोड़कर प्रणाम, नमस्ते व आदाब की परंपरा को ही बढ़ावा देंगे।"
"सभी मंत्रियों से आग्रह है कि उनका सभी के साथ सौम्य और शालीन व्यवहार हो तथा बातचीत सकारात्मक रहे। सादगी से पेश आते हुए सभी जाति/धर्म के गरीब एवं जरुरतमंद लोगों को अविलंब प्राथमिकता के आधार पर मदद करेंगे।"
"किसी से भेंट स्वरूप पुष्पगुच्छ/गुलदस्ता लेने-देने के स्थान पर किताब-कलम के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे। और इस आशय का आग्रह लगातार करेंगे।"
"सभी विभागीय कार्यों में माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ईमानदारी, पारदर्शिता, तत्परता और त्वरित क्रियान्वयन की कार्यशैली को बढ़ावा देंगे।"
"सभी माननीय मंत्रीगण आदरणीय मुख्यमंत्री जी, बिहार सरकार एवं अपने अधीनस्थ विभागों, कार्य योजनाओं और विकास कार्यों का सोशल मीडिया पर लगातार प्रचार-प्रसार करेंगे ताकि जनता को आपके हरेक पहलकदमी की सकारात्मक जानकारी प्राप्त हो सके।"
तेजस्वी द्वारा अपने मंत्रियों से की गई इस अपील को छवि बदलने का प्रयास माना जा रहा है। बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही भाजपा लगातार सरकार पर हनलावर है। भाजपा लगातार यह साबित करने के प्रयास में लगी है कि राजद की सत्ता में वापसी से बिहार में फिर से जंगल राज आ गया है। हाल ही में तेजस्वी यादव के साथ विभागीय बैठक में उनके निजी सलाहकार भी हिस्सा लेते हुए देखे गए थे। इस मामले में भाजपा ने सरकार को घेरा था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब मांगा था।