सोनिया गांधी कांग्रेस की नेता है, फिर भी तीन तलाक पर पार्टी लोकसभा में महिला विरोधी रुख पेश कर रही: रविशंकर प्रसाद
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: June 21, 2019 02:45 PM2019-06-21T14:45:50+5:302019-06-21T15:13:40+5:30
रविशंकर प्रसाद ने कहा, सोनिया गांधी की तरह एक महिला कांग्रेस पार्टी की नेता है, फिर भी कांग्रेस पार्टी लोकसभा में महिला-विरोधी रुख दिखा रही है, यहां तक कि बिल के पेश होने पर विरोध कर रही है, मुझे कहना होगा कि यह न केवल दर्दनाक है, बल्कि गहरा खेदजनक है।''
तीन तलाक बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को महिला विरोधी पार्टी करार दिया। रविशंकर प्रसाद ने कहा, सोनिया गांधी की तरह एक महिला कांग्रेस पार्टी की नेता है, फिर भी कांग्रेस पार्टी लोकसभा में महिला-विरोधी रुख दिखा रही है, यहां तक कि बिल के पेश होने पर विरोध कर रही है, मुझे कहना होगा कि यह न केवल दर्दनाक है, बल्कि गहरा खेदजनक है।''
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार (21 जून) को लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं से जुड़े तीन तलाक बिल को दूसरे कार्यकाल में अपने पहले बिल के रूप में पेश किया। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा बिल पेश किए जाने से पहले ही सदन में हंगामा होने लगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने बिल का विरोध करने लगीं। आखिरकार विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन ने बिल को 74 के मुकाबले 186 मतों के समर्थन से पेश करने की अनुमति दी।
Union Minister Ravi Shankar Prasad: A woman leader like Sonia Gandhi ji is the leader of Congress party, yet Congress party takes an anti-women position in the Lok Sabha, opposing even the introduction of the Bill, I must say it is not only painful but deeply regrettable.
— ANI (@ANI) June 21, 2019
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पिछली लोकसभा में पारित हो चुका है लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने पर यह राज्यसभा में लंबित रहा और निष्प्रभावी हो गया। इसलिए सरकार इसे फिर से सदन में लेकर आई है।
रविशंकर ने कहा कि जनता ने कानून बनाने भेजा है। कानून पर बहस और व्याख्या का काम अदालत में होता है। संसद को अदालत नहीं बनने देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह नारी के सम्मान और नारी-न्याय का सवाल है , धर्म का नहीं। ’’
बिल के विरोध में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''अगर गैर मुस्लिम पर मामला दर्ज हो तो उसे 1 साल की सजा और मुसलमान को 3 साल की सजा मिलेगी। क्या यह अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन नहीं है? आप महिलाओं के हित में नहीं हैं। यह उन पर बोझ है। 3 साल जेल में रहेगा। मेंटिनेंस कौन देगा? आप देंगे? आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है। केरल की हिंदू महिलाओं से क्यों मोहब्बत क्यों नहीं है। क्यों सबरीमाला के फैसले के खिलाफ आप हैं? यह गलत हो रहा है।''
केरल के तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने बिल के विरोध में कहा कि एक समुदाय को निशाना बनाने के बजाय एक कॉमन लॉ बनाना चाहिए, जिसमें इस तरह के सभी आरोपी इसके दायर में आ सकें। उन्होंने कहा कि इस बिल मुस्लिम महिलाओं के हालात में बदलाव नहीं होगा।