नई दिल्लीः सलमान रश्दी पर हमले को लेकर इस्लाम की कट्टर आलोचक व प्रख्यात लेखिका तसलीमा नसरीन ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि "सच्चे मुसलमान" धार्मिक रूप से अपनी पवित्र लिपि का पालन करते हैं और नकली मुसलमान हिंसा के खिलाफ मानवता में विश्वास करते हैं।
तस्लीमा ने ट्वीट में लिखा, "और वे इस्लाम के आलोचकों पर हमला करते हैं। नकली मुसलमान मानवता में विश्वास करते हैं और वे हिंसा के खिलाफ हैं। हम चाहते हैं कि नकली मुसलमान बढ़े।"
निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने शुक्रवार को कहा कि वह यह जानकर चिंतित हैं कि न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में सलमान रश्दी पर चाकू से हमला किया गया। तसलीमा ने कहा कि अगर पश्चिम में सलमान रश्दी के साथ ऐसा हो सकता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी पर हमला किया जा सकता है।
लेखिका ने ट्वीट में इस बात की ज्यादा चिंता जाहिर की है कि रश्दी पर हमला पश्चिम में हुआ है। रश्दी को 1989 से सुरक्षा दी जा रही थी। गौरतलब बात है कि तसलीमा नसरीन को भी अपने उपन्यास लज्जा के लिए कट्टरपंथी मुस्लिम समूहों से धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। बांग्लादेश से भागने के बाद, तसलीमा नसरीन ने स्वीडिश नागरिकता अपना ली और वर्तमान में 2011 से नई दिल्ली में रहती है।
उधर, न्यूयॉर्क स्टेट पुलिस ने रश्दी पर हमला करनेवाले की पहचान कर ली है। पुलिस ने घटना को लेकर जारी बयान में कहा है कि सलमान रश्दी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। संदिग्ध की पहचान 24 वर्षीय हादी मतार के रूप में हुई है जो कि न्यूजर्सी का रहने वाला है। हम सर्च वारंट प्राप्त करने की प्रक्रिया में है।
अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रश्दी जिस कार्यक्रम में संबोधित करने वाले थे वहां मौजूद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रीटा लैंडमैन ने मंच पर जाकर रश्दी का प्राथमिक उपचार किया। कार्यक्रम में मौजूद एंडोक्रिनोलॉजिस्ट रीटा लैंडमैन ने कहा कि रश्दी के शरीर पर चाकू के हमले के कई निशान थे जिनमें से एक उनकी गर्दन के दाहिनी ओर था और वह खून से लथपथ पड़े हुए थे। लेकिन वह जीवित प्रतीत हो रहे थे और सीपीआर नहीं ले रहे थे।