चेन्नई, 17 अप्रैलः तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित यौन कदाचार के आरोपों पर सफाई देने के बाद अब एक नए विवाद में फंस गए हैं। राज्यपाल पुरोहित ने मंगलवार को एक महिला पत्रकार के सवाल पर उसकी गाल थपथपाकर विवाद को जन्म दे दिया। विपक्षी डीएमके ने घटना को संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति का ‘अशोभनीय ’ कृत्य करार दिया है। यह घटना उस समय हुई जब 78 वर्षीय राज्यपाल राजभवन में भीड़ भाड़ वाले प्रेस कांफ्रेंस स्थल से जा रहे थे।
महिला पत्रकार लक्ष्मी सुब्रमण्यम ने घटना की जानकारी देते हुए ट्विटर पर लिखा, 'मैंने तमिलनाडु के गर्वनर से बनवारी लाल पुरोहित से प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बारे में सवाल पूछा। उन्होंने बिना मेरी कंसेंट के मेरे गाल पर एक थपकी देकर जवाब दिया।'
डीएमके की राज्यसभा सदस्य कनिमोई ने ट्वीट किया , ‘‘अगर संदेह नहीं भी किया जाए तब भी सार्वजनिक पद पर बैठे एक व्यक्ति को इसकी मर्यादा समझनी चाहिए और एक महिला पत्रकार के निजी अंग को छूकर गरिमा परिचय नहीं दिया। उन्होंने किसी भी इंसान द्वारा दिखाया जाने वाला सम्मान नहीं दर्शाया।’’ डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने अपने ट्वीटर हैंडल से कहा , ‘‘यह ना केवल दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का अनुपयुक्त कृत्य है।''
राज्यपाल ने यौन कदाचार के आरोपों को ‘बकवास’ बताया
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने उन आरोपों को बकवास बताकर खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कथित तौर पर यौन कदाचार के मामले में उनके खिलाफ जांच कर रहा है। पुरोहित से जब एक पार्टी द्वारा लगाए गए उन आरोपों के बारे में पूछा गया जिसमें कहा गया है कि कथित यौन कदाचार के लिये गृह मंत्रालय उनके खिलाफ जांच कर रहा है तो उन्होंने कहा , ‘‘यह बिल्कुल निराधार है। ’’ इस साल फरवरी में एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एक दक्षिणी राज्य के राज्यपाल पर यौन कदाचार का आरोप है और आरोपों की सत्यता की गृह मंत्रालय जांच कर रहा है।
PTI Bhasha Inputs