कर्नाटकः दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि सबसे अधिक सड़क हादसे (55.9 प्रतिशत) तेज गति (ओवर-स्पीडिंग ) से वाहन चलाने की वजह से हुए और कर्नाटक इस मामले में दूसरे स्थान पर है। तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना देश में सड़क हादसों की दो सबसे अहम वजह है, जिसके कारण वर्ष 2021 में क्रमश: 87,050 और 42,853 लोगों की जान चली गई।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत में कुल 4,03,116 सड़क हादसे हुए जिनमें तेज गति से हुए हादसों का योगदान 59.7 प्रतिशत (2,40,828 हादसे) है। इन सड़क हादसों में कुल 1,55,622 लोगों की जान गई थी जिसमें तेज गति से वाहन चलाने की वजह से हुई मौतों की संख्या 87,050 है, जबकि 2,28,274 लोग घायल हुए।
तेज गति से वाहन चलाने के कारण दुर्घटना में मरने वाले 87,050 लोगों में से अकेले 11,419 (13.1 प्रतिशत) लोगों की मौत तमिलनाडु में हुई। दूसरे स्थान पर 8,797 मौतों (10.1 प्रतिशत) के साथ कर्नाटक रहा। वहीं लापरवाही और ओवरटेकिंग की वजह से हुए सड़क हादसों में सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं। कर्नाटक में पिछले साल कुल 34,647 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 40,754 लोग घायल हुए और 10,038 लोगों की मौत हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क दुर्घटना के मामले भी 2020 में 3,54,796 से बढ़कर 2021 में 4,03,116 हो गए। इस बीच, मृत्यु दर में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई (2020 में 1,33,201 से 2021 में 1,55,622)। इसके अलावा, प्रति हजार वाहनों की मृत्यु दर 2020 में 0.45 से बढ़कर 2021 में 0.53 हो गई, रिपोर्ट में कहा गया है।