नई दिल्ली: भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत की खबर ने पूरे देश को शोक की लहर में डुबो दिया। उनके निधन ने देश ही नहीं बल्कि, दुनिया को झकझोर दिया। भारतीय वायुसेना के अनुसार, हादसे में जनरल रावत समेत कुल 14 लोग सवार थे, जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में जनरल रावत की पत्नी भी मौत का शिकार हुईं।
साल 2020 में सीडीएस जनरल रावत की मौत की तरह ठीक ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल शेन यी मिंग की मौत हेलिकॉप्टर भी हेलिकॉप्टर क्रैश में हुई थी। वे चीन की आक्रामकता का मुहंतोड़ जवाब दे रहे थे।
रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने ट्विटर पर लिखा, 'जनरल रावत की मौत 2020 की शुरुआत में हुई एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना के समान है, जिसमें ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल शेन यी-मिंग की मौत हो गई थी। उनके इस हादसे में दो प्रमुख जनरल सहित सात अन्य शामिल थे। हर हेलिकॉप्टर क्रैश में पीआरसी की आक्रामकता के खिलाफ डिफेंस के एक प्रमुख व्यक्ति की मौत हो जाती है।'
रक्षा विशेषज्ञ ने ट्विटर पर लिखा, एक ऐसे समय पर जब चीन के साथ 20 महीने लंबे सीमा तनाव के चलते हिमालयी फ्रंट पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत का इससे बुरा समय नहीं हो सकता था।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में अपनी बात को पूरा करते हुए लिखा, इस अजीब समानांतर का मतलब यह नहीं है कि दो हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं या बाहरी हाथ के बीच कोई संबंध था। कुछ भी हो, प्रत्येक दुर्घटना ने महत्वपूर्ण आंतरिक प्रश्न उठाए हैं, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलीकॉप्टरों के रखरखाव को लेकर।
सेना ने इस हादसे के जाँच के आदेश दिए हैं। उधर, जनरल बिपिन रावत के निधन पर उनके गृह राज्य उत्तराखंड में तीन दिन के लिए राजकीय शोक की घोषणा की गई है। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर तमिलनाडु से दिल्ली लाया जाएगा और शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।