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Tahawwur Rana Extradition: तहव्वुर हुसैन राणा की वापसी के पीछे 3 आईपीएस अधिकारी, जानें इन जांबाज की कहानी

By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 10, 2025 16:40 IST

Tahawwur Rana Extradition: साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे।

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ठळक मुद्देTahawwur Rana Extradition: हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।Tahawwur Rana Extradition: आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने में कई टीम का अहम रोल हैं। Tahawwur Rana Extradition: आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था।

Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को बृहस्पतिवार को विशेष विमान से भारत लाया गया। पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक राणा को लॉस एंजिलिस के ‘मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर’ में रखा गया था। राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग से भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में घुसपैठ करने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।

आपको बता दें कि राणा को भारत लाने में कई टीम का अहम रोल हैं। लेकिन एनआईए के 3 अफसर ने इस कहानी की नींव रखी। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के 3 वरिष्ठ अधिकारी आशीष बत्रा, प्रभात कुमार और जया रॉय ने 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का नेतृत्व किया।

1. आशीष बत्राः झारखंड कैडर के 1997 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी आशीष बत्रा वर्तमान में एनआईए में महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें 2019 में पांच साल के कार्यकाल के लिए एजेंसी में प्रतिनियुक्त किया गया था। गृह मंत्रालय ने इनके कार्यकाल को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। एनआईए में शामिल होने से पहले, बत्रा 20 जनवरी, 2018 से उग्रवाद विरोधी इकाई झारखंड जगुआर के आईजी थे। उन्होंने झारखंड पुलिस के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है और आईजी अभियान के रूप में अतिरिक्त कार्यभार संभाला है।

अपने पूरे करियर के दौरान बत्रा ने विभिन्न परिचालन और प्रशासनिक भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने तीन महीने तक जहानाबाद में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया, उसके बाद कोयल कारो और हजारीबाग में पुलिस अधीक्षक रहे। बत्रा 19 महीने तक रांची में सिटी एसपी भी रहे और राज्यपाल की सुरक्षा में डेढ़ साल बिताए।

2. जया रॉयः झारखंड कैडर की 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी जया रॉय वर्तमान में एनआईए में उप महानिरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें 2019 में चार साल के कार्यकाल के लिए पुलिस अधीक्षक के रूप में एजेंसी में प्रतिनियुक्त किया गया था। रॉय को जामताड़ा में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने वाली टीम का नेतृत्व करने के लिए जाना जाता है। ऐसा मामला जिसने प्रमुख वेब सीरीज़ को प्रेरित किया है।

3. प्रभात कुमारः तीसरे आईपीएस अधिकारी हैं प्रभात कुमार। कुमार छत्तीसगढ़ कैडर के 2019 बैच के अधिकारी हैं। इस समय एनआईए में एसपी पद पर कार्यरत हैं। प्रभात ने अमेरिकी टीम के साथ काम ऑकिया और राणा के आगमन की नींव रखी। इस समय दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एनआईए मुख्यालय तक पूरे ऑपरेशन की कमान देख रहे हैं।

दिल्ली की एक अदालत को 26/11 के मुंबई हमलों के कथित साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से भारत आने से पहले इस संबंध में मुकदमे के रिकॉर्ड मिल गए हैं। एक अदालती सूत्र ने यह जानकारी दी। मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के प्रमुख आरोपी राणा को बृहस्पतिवार को एक विशेष विमान से भारत लाया जा रहा है।

अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा राणा के आवेदन को खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल हो गया था। मुंबई की एक अदालत के कर्मचारियों को रिकॉर्ड भेजने के लिए 28 जनवरी को दिए गए निर्देश के अनुरूप, हाल में जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव की अदालत को ये रिकॉर्ड मिले।

न्यायाधीश ने दिल्ली में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण द्वारा मुंबई से रिकॉर्ड प्राप्त करने का अनुरोध करते हुए दायर आवेदन पर यह आदेश पारित किया। दिल्ली और मुंबई दोनों शहरों में 26/11 के हमलों से संबंधित कई मामलों की मौजूदगी के कारण निचली अदालत के रिकॉर्ड पहले मुंबई भेजे गए थे। राणा (64) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का सहयोगी है।

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