मौलवियों की सलाह की अनदेखी कर आयोजित हुआ था मरकज में कार्यक्रम, तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद ने ठानी थी जिद

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 8, 2020 07:23 AM2020-04-08T07:23:30+5:302020-04-08T07:23:30+5:30

मरकज में आए जमातियों में से काफी संख्या में जमाती कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इनसे संपर्क में आए संबंधित हजारों लोगों को देश के विभिन्न स्थानों में क्वारंटीन भी किया गया है.

Tablighi chief Maulana Muhammad Saad Kandhlawi ignored advice of clerics on cancelling meet | मौलवियों की सलाह की अनदेखी कर आयोजित हुआ था मरकज में कार्यक्रम, तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद ने ठानी थी जिद

तबलीगी जमात के मुखिया मोहम्मद साद। (फाइल फोटो)

Highlightsकई बुजुर्ग मौलवियों और करीबियों ने मौलाना मोहम्मद साद कंधलवी को यह सलाह दी थी कि मरकज में होने जा रहे तब्लीगी जमात के आयोजन को मुल्तवी कर दिया जाए. हालांकि मौलाना मोहम्मद साद ने अपनी जिद के आगे मौलाना साद ने किसी की नहीं सुनी.

नई दिल्ली: दुनिया भर में कोरोना वायरस की फैलती महामारी के मद्देनजर कई बुजुर्ग मौलवियों और करीबियों ने तबलीगी मरकज जमात के मुखिया मौलाना मोहम्मद साद कंधलवी को यह सलाह दी थी कि मरकज में होने जा रहे तब्लीगी जमात के आयोजन को मुल्तवी कर दिया जाए. लेकिन अपनी जिद के आगे मौलाना साद ने किसी की नहीं सुनी.

कार्यक्रम के लिए जमातियों का भारी जमघट हुआ. जमाती बाद में यहां से निकल कर अपने अपने गंतव्य की ओर गए और इस तरह मरकज, कोरोना वायरस फैलने के हॉट स्पाट के रूप में सामने आया. मरकज में आए जमातियों में से काफी संख्या में जमाती कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इनसे संपर्क में आए संबंधित हजारों लोगों को देश के विभिन्न स्थानों में क्वारंटीन भी किया गया है.

बताया जा रहा है कि दुनिया के कई देशों में कोराना वायरस का संक्रमण की खबर मिलते ही तब्लीगी मरकज जमात को स्थगित करने की सलाह सलाह देने वालों में कई वरिष्ठ मुस्लिम बुद्धिजीवी भी थे, लेकिन मौलाना साद ने अपनी जिद के आगे किसी की नहीं सुनी और अब अब स्थिति यहां पर पहुंच गई है कि इनकी इस हरकत ने देशभर के लोगों को नई मुसीबत में डाल दिया है.

देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना मामलों में पिछले एक सप्ताह के दौरान इजाफा हुआ है, इनमें 30 फीसद लोग जमात से जुड़े हुए हैं. यानी नए आने वाले 100 मामलों में से 30 लोग जमाती हैं. उत्तरप्रदेश में यह प्रतिशत लगभग 50 का है.

दूसरी जमात ने रद्द कर दिया था अपना कार्यक्रम

यहां यह उल्लेखनीय है कि दिल्ली में चल रहे तब्लीगी मरकज जमात के दूसरे गुट ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव और खतरे के मद्देनजर पहले से ही एलान कर दिया था कि ऐसे माहौल में लोगों की जान खतरे में डालकर मकरज जमात का कार्यक्रम नहीं किया जाएगा.

तबलीगी जमात का यह गुट है शूरा-ए-जमात 

इसका मुख्यालय दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में है. यह गुट अपने एलान पर कायम रहा और मार्च महीने में ऐसे कार्यक्रम से अलग रहा. दरगाह फैज ए इलाही के मरकज में शूरा से हर एक कार्य किया जाता है, इस जमात ने कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए डेढ़ माह पहले ही अपने मरकज को बंद करने के साथ ही जमातों पर रोक लगा दी थी. शूरा जमात से जुड़े लोगों का कहना है कि अगर मौलाना साद ने भी ऐसा किया होता तो आज इतने जमाती कोरोना से पीडि़त न होते. उनकी जिद की वजह से कई लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है.

समझाने की बजाय बरगला रहे थे साद

दक्षिण दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मकरज में देश-विदेश के हजारों जमाती इकट्ठा था, जब कोराना वायरस पूरी दुनिया में कहर बरपा रहा था. वहीं, इस सबसे बेपरवाह तब्लीगी मकरज के मुखिया मौलाना साद वहां मौजूद लोगों को कोरोना से नहीं डरने की नसीहत दे रहे थे.नतीजा यह हुआ कि मार्च महीने में ही मरकज से निकले लोग देश के 20 से अधिक राज्यों में गए और जहां भी गए वहां पर कोरोना वायरस फैलाने के वाहक माने जाने लगे.

Web Title: Tablighi chief Maulana Muhammad Saad Kandhlawi ignored advice of clerics on cancelling meet

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे