भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष पद के लिए चल रहे कई अटकलों पर विराम लगा दिया है। पार्टी ने राज्य के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को राज्य का नया पार्टी अध्यक्ष घोषित किया है।
बता दें कि स्वतंत्र देव सिंह के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है। लोकसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र देव सिंह मध्य प्रदेश के इंचार्ज थे। उनकी देखरेख में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन किया और बीजेपी ने 29 में से 28 सीटें जीती।
स्वतन्त्र देव सिंह (जन्म 13 फरवरी 1964), मिर्जापुर में हुआ था। केवल 22 साल की आयु में सिंह ने 1986 में आरएसएस से जुड़कर प्रचारक का कार्य करना प्रारम्भ कर दिया।
राजनीतिक जीवन की यात्रा
1988-89 ई0 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में संगठन मंत्री के रूप में कार्य भार ग्रहण किया, यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की यात्रा प्रारम्भ हुई।
1991 में भाजपा कानपुर के युवा शाखा के युवा मोर्चा प्रभारी थे। 1994 ई0 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बुन्देलखण्ड के युवा मोर्चा शाखा के प्रभारी के रूप में कार्यभार ग्रहण करके इन्होंने एक विशुद्ध राजनीतिज्ञ के रूप में भारतीय राजनीति में पदार्पण किया।
जल्द ही इन्हें पार्टी ने 1996-1998 ई0 में युवा मोर्चा का महामन्त्री नियुक्त किया।
2001 में भाजपा के युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी बने। इसके बाद 2004 में विधान परिषद के सदस्य चुने गये व इसी वर्ष भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के महामन्त्री भी बनाए गए।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अन्तर्गत वर्ष 2004 से वर्ष 2014 ई0 तक दो बार महामन्त्री एवं 2010 में उपाध्यक्ष और फिर 2012 से अब तक महामन्त्री बनाया गया।
स्वतंत्र देव सिंह कभी पत्रकारिता भी किया करते थे।
छात्र राजनीति के बीच वह 1989-90 में 'स्वतंत्र भारत' अखबार से जुड़े और उरई में रिपोर्टर भी रहे।
2014 में हुए आम चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने स्वतंत्र देव को उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों के आयोजन का काम सौंप दिया।
बताते हैं कि इसी वजह से वो नरेंद्र मोदी और अमित शाह के करीब आ गए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की चर्चा जोरों पर थी।