मुंबई, 20 मार्च राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को उद्योगपति मुकेश अम्बानी के आवास के निकट उस स्थल पर लेकर गई, जहां पिछले महीने विस्फोटकों से भरी एक कार मिली थी और उसने मामले की जांच के लिए घटना का नाट्य रूपांतरण किया।
पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने जांच के तहत शुक्रवार रात को घटना का नाट्य रूपांतरण किया। इस बीच, एसयूवी कार के मालिक एवं कारोबारी मनसुख हिरन की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच भी एनआईए को सौंप दी गई है। इस मामले में भी वाजे आरोपों का सामना कर रहे हैं।
अधिकारियों ने पहले बताया था कि एनआईए वाजे को घटनास्थल दक्षिण मुंबई के कार्माइकल रोड पर ले गई और सफेद कुर्ता पहने वाजे को टहलने को कहा।
अधिकारियों ने पहले बताया था कि एनआईए को शक है कि घटनास्थल कार्माइकल रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में सफेद कुर्ता पहने जो व्यक्ति दिखाई दे रहा है, वह वाजे है।
अम्बानी के घर एंटीलिया के निकट एक स्कॉर्पियो कार 25 फरवरी को खड़ी मिली थी जिसमें जिलेटिन की छड़ें थीं और धमकी भरा एक पत्र भी था।
एनआईए ने गत शनिवार को इस मामले में वाजे को गिरफ्तार किया था और उन्हें बाद में निलंबित कर दिया गया।
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में केंद्रीय गृह मंत्रालय ये मनसुख हिरन की मौत की जांच भी एनआईए को सौंप दी है। मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटकों से भरा वाहन पाए जाने के कुछ दिनों बाद पांच मार्च को ठाणे के व्यवसायी एवं वाहन के मालिक हिरन का शव क्रीक पर मिला था। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अभी तक मामले की जांच कर रहा था।
हिरन की पत्नी ने अपने पति की संदिग्ध तरीके से हुई मौत में वाजे के संलिप्त होने के आरोप लगाए हैं।
एनआईए ने अब तक मुंबई पुलिस के अपराध खुफिया इकाई के कई अधिकारियों से पूछताछ की है जिसमें वाजे तैनात था।
इस बीच, अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मुंबई के कलीना स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल)ने शुरुआती विश्लेषण में पाया है कि स्कॉर्पियों में मिली जिलेटिन की छड़े कम क्षमता के विस्फोटक थे और उनसे बड़े नुकसान की कम ही संभावना थी।
उन्होंने बताया कि इस तरह के विस्फोटक का इस्तेमाल कुएं की खुदाई और सड़क निर्माण में किया जाता है।
अधिकारी ने बताया कि एफएसएल हिरन के विसरा के नमूने की भी जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि मौत से पहले उसे जहर तो नहीं दिया गया था।
वहीं मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने शनिवार को सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते हैं कि पुलिस अधिकारी हर महीने बार और होटलों से कम से कम 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। हालांकि, देखमुख ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
इससे पहले महाराष्ट्र एटीएस ने हिरन मौत मामले की जांच के लिए वाजे को अपनी हिरासत में लेने के लिए विशेष एनआईए अदालत का रुख किया था।
हालांकि, मामला एनआईए को सौंपने के बाद इस अर्जी का कोई औचित्य नहीं रहा।
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