संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज के वो यादगार भाषण जब पाकिस्तान को सरेआम लताड़ा, दुनिया ने माना भारत का लोहा!
By आदित्य द्विवेदी | Published: August 7, 2019 05:27 AM2019-08-07T05:27:20+5:302019-08-07T05:27:20+5:30
सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा में बतौर विदेश मंत्री हिंदी में दिए अपने भाषणों के लिए याद रखी जाएंगी।
पूर्व विदेश मंत्री एवं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने बतौर विदेश मंत्री सफलता की एक नई लकीर खींची। लेकिन वर्ष 2016 में उनका गुर्दा प्रतिरोपण हुआ था और उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। इस बार वह मोदी सरकार का हिस्सा नहीं थीं और विदेश मंत्री के रूप में एस जयशंकर को उनकी जगह मिली।
सुषमा स्वराज आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन याद आते हैं संयुक्त राष्ट्र में दिए उनके भाषण जिसे सुनकर दुनिया भारत का लोहा मानती थी। पाकिस्तान बेनकाब और निरुत्तर हो जाता था। सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र महासभा में बतौर विदेश मंत्री हिंदी में दिए अपने भाषणों के लिए याद रखी जाएंगी।
2 अक्टूबर 2015: संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरा
वर्ष 2015 में सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री की हैसियत से न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की 70वीं महासभा के अधिवेशन को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पाक को पूरे विश्व के सामने जमकर लताड़ा था। उन्होंने खुलेआम पाकिस्तान को आतंकवाद की फैक्ट्री कहकर संबोधित किया था। उनके इस भाषण की पूरे विश्व में चर्चा हुई थी।
सुषमा ने कहा था कि पाक जो खुद को आतंकवाद से पीड़ित बताता है दरअसल झूठ बोल रहा है। जब तक सीमापार से आतंक की खेती बंद नहीं होगी भारत पाकिस्तान के बीच बातचीत नहीं हो सकती। भारत हर विवाद का हल वार्ता के जरिए चाहता है किंतु वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते।
23 सितंबर 2017: पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 23 सितंबर 2017 को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। उन्होंने मुद्रा योजना, जनधन योजना उज्जवला योजना के अलावा डिजिटल इंडिया का जिक्र खास तौर पर किया। हालांकि, बाद में उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि हम गरीबी से लड़ रहे हैं, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है। उन्होंने पाकिस्तानी नेताओं से कहा कि वे इस पर आत्ममंथन करें कि भारत क्यों वैश्विक आईटी महाशक्ति के तौर पर जाना जाता है और पाकिस्तान की पहचान 'आतंकवाद के निर्यात के कारखाने' की है।
29 सितंबर 2018: संयुक्त राष्ट्र में उनका आखिरी भाषण
सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने आखिरी भाषण में कहा था कि संयुक्त राष्ट्र को खुद में मूलभूत सुधार करने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र की महत्ता और छवि धुंधती हो रही है, इसे तत्काल प्रभाव से बचाने की जरूरत है।
सुषमा स्वराज ने कहा था कि आतंकवाद से सबसे ज्यादा अविकसित और विकासशील देश जूझ रहे हैं। विकसित देश दृढ़ता से इन देशों की मदद करें ताकि आतंकवाद के रोग से बाहर आ सकें। उन्होंने आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ने की जरूरत को भी बल दिया था।