संयुक्त राष्ट्र, 28 सितंबर: भारत ने गुरुवार को आशा जताई कि अमेरिका के कोष उपलब्ध कराने से इंकार के बाद पारंपरिक दानदाताओं सहित अन्य सदस्य देश फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के समर्थन में आगे आएंगे। असल में, यह एजेंसी संसाधनों के गंभीर संकट का सामना कर रही है।
ट्रंप प्रशासन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि इस मुद्दे की ध्यानपूर्वक समीक्षा करने के बाद उसने संयुक्त राष्ट्र की फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) में और दान नहीं देने का फैसला किया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र के इतर बुधवार को आयोजित फलस्तीन पर निर्गुट देशों की मंत्रिस्तरीय समिति में कहा कि भारत ने यूएनआरडब्ल्यूए के गठन के समय से इसके कार्यों का समर्थन किया है। यह एजेंसी फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए शानदार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें आशा है कि पारंपरिक दानदाताओं सहित अन्य सदस्य देश फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के समर्थन में आगे आएंगे क्योंकि यह (एजेंसी) संसाधनों के गंभीर संकट से जूझ रही है।’’