Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी
By आदित्य द्विवेदी | Updated: January 10, 2020 15:57 IST2020-01-10T10:59:29+5:302020-01-10T15:57:10+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विस को शुरू करे। इसके अलावा राज्य सरकार सभी प्रकार के प्रतिबंधों पर एक हफ्ते के अंदर समीक्षा करे। जानिए फैसले से जुड़ी सभी बड़ी बातें...

Article 370 Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी
आर्टिकल 370 हटाने के बाद से पाबंदियों झेल रहे जम्मू कश्मीर पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हिंसा का एक इतिहास रहा है। विरोध के बावजूद दो तरीके के विचार सामने आते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धारा 144 का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता है। इसे अनंतकाल के लिए नहीं लगा सकते हैं, इसके लिए जरूरी तर्क होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इसी के साथ राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह तुरंत ई-बैंकिंग और ट्रेड सर्विस को शुरू करे। इसके अलावा सभी प्रकार के प्रतिबंधों पर एक हफ्ते में समीक्षा करे। पढ़िए फैसले से जुड़ी सभी बड़ी अपडेट्स...
10 Jan, 20 : 11:58 AM
उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत इंटरनेट के इस्तेमाल को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी. कश्मीर में लगी रोक को लेकर उच्चतम न्यायालय ने कहा, मजिस्ट्रेट को निषेधाज्ञा जारी करते समय इसपर विचार करना चाहिए और आनुपातिकता के सिद्धांत का पालन करना चाहिए.
10 Jan, 20 : 11:16 AM
उच्च्तम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों जैसी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली सभी संस्थाओं में इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने के लिए कहा
10 Jan, 20 : 11:14 AM
केंद्र सरकार ने प्रतिबंधों को ठहराया था सही
केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान समाप्त करने के बाद वहां लगाये गये प्रतिबंधों को 21 नवंबर को सही ठहराया था। केन्द्र ने न्यायालय में कहा था कि सरकार के एहतियाती उपायों की वजह से ही राज्य में किसी व्यक्ति की न तो जान गई और न ही एक भी गोली चलानी पड़ी। गुलाम नबी आजाद के अलावा, कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन और कई अन्य ने घाटी में संचार व्यवस्था ठप होने सहित अनेक प्रतिबंधों को चुनौती देते हुये याचिकाएं दायर की थीं।
10 Jan, 20 : 11:08 AM
तीन जजों की बेंच का फैसला
जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। कश्मीर में जारी पाबंदियों के खिलाफ कई जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं।
10 Jan, 20 : 11:07 AM
तीन जजों की बेंच का फैसला
जस्टिस एनवी रमणा की अध्यक्षता वाली बेंच में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बीआर गवई ने यह महत्वपूर्ण फैसला दिया। कश्मीर में जारी पाबंदियों के खिलाफ कई जनहित याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थीं।
10 Jan, 20 : 11:03 AM
सात दिनों के अंदर होगी प्रतिबंधों की समीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि इंटरनेट की पाबंदी, धारा 144, यात्रा पर रोक से जुड़े सभी आदेशों को प्रकाशित करना होगा। इसके साथ ही सात दिनों के अंदर सभी प्रकार के प्रतिबंध की समीक्षा करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है। जो सरकार के फैसलों का रिव्यू करेगी और सात दिन के अंदर अदालत को रिपोर्ट सौपेंगी।
Supreme Court while delivering verdict on petitions on situation in J&K after abrogation of Article 370 directs Jammu Kashmir Govt to review all restrictive orders within a week. pic.twitter.com/EVIvGLnNoP
— ANI (@ANI) January 10, 2020