Shambhu border blockade: कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना कर्तव्य, शंभू बार्डर नाकाबंदी पर हरियाणा सरकार को डांट, इसे खोलिए...
By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 12, 2024 14:00 IST2024-07-12T13:59:16+5:302024-07-12T14:00:27+5:30
Shambhu border blockade: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के पक्ष में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी जिसके बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे।

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Shambhu border blockade: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा सरकार से पूछा कि वह एक राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकती है। उच्चतम न्यायालय ने अंबाला के पास शंभू बार्डर पर लगाए गए बैरिकेडिंग को हटाने का निर्देश दिया। किसान 13 फरवरी से डेरा डाले हुए हैं। हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगाए थे, जब संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) ने विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली की ओर बढ़ने की घोषणा की थी। सात दिनों के भीतर राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने यह टिप्पणी उस समय की जब हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि राज्य, उच्च न्यायालय के 10 जुलाई के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने की प्रक्रिया में है जिसमें उसे सात दिनों के भीतर राजमार्ग खोलने का निर्देश दिया गया था।
वकील द्वारा उच्चतम न्यायालय में अपील दायर करने के बारे में पीठ को सूचित किए जाने पर न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा, ‘‘कोई राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? यातायात को नियंत्रित करना उसका कर्तव्य है। हम कह रहे हैं कि इसे खोलिए, लेकिन नियंत्रित कीजिए।’’