दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, तुरंत पकड़ कर शेल्टर होम में डालो, दिल्ली सरकार, एमसीडी और एनडीएमसी को निर्देश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 11, 2025 14:39 IST2025-08-11T13:26:59+5:302025-08-11T14:39:27+5:30
राष्ट्रीय राजधानी में कुत्तों के काटने की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली सरकार, एमसीडी, एनडीएमसी को कुत्तों के लिए आश्रय स्थल बनाने का निर्देश दिया।

सांकेतिक फोटो
नई दिल्लीः दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को ‘‘अत्यधिक गंभीर’’ बताते हुए उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को शहर की सरकार और नगर निकायों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाना शुरू करें और उन्हें आश्रय स्थलों में रखें। कुत्तों के काटने की घटनाओं से निपटने के लिए कई निर्देश पारित करते हुए न्यायालय ने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को उठाने में अधिकारियों के काम में बाधा डालेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने कहा कि फिलहाल लगभग 5,000 आवारा कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाए जाने चाहिए और कुत्तों के बधियाकरण और टीकाकरण के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए। पीठ ने कहा कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में रखा जाए और उन्हें सड़कों, कॉलोनियों और सार्वजनिक स्थानों पर न छोड़ा जाए।
पीठ ने कहा, ‘‘हम व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश जारी कर रहे हैं।’’ साथ ही, उसने यह भी कहा कि शिशुओं और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर आवारा कुत्तों से बचाना होगा, जिनके काटने से रेबीज होता है। उच्चतम न्यायालय ने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एक हेल्पलाइन बनाने का भी निर्देश दिया ताकि कुत्तों के काटने के सभी मामलों की तुरंत सूचना दी जा सके। शीर्ष अदालत ने 28 जुलाई को दिल्ली में कुत्तों के काटने से रेबीज फैलने की मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया था।
दिल्ली सरकार आवारा कुत्तों पर न्यायालय के आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू करेगी: मिश्रा
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के आवारा कुत्तों को आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू करेगी। दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने सोमवार को यह जानकारी दी। मिश्रा ने कहा कि यह फैसला दिल्ली को ‘रेबीज’ और आवारा पशुओं के भय से मुक्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में आवारा कुत्तों के खतरे को ‘‘बेहद गंभीर’’ करार दिया और दिल्ली सरकार एवं नगर निगमों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को उठाकर श्वान आश्रय गृहों में रखें। कुत्तों के काटने की घटनाओं से निपटने के लिए कई निर्देश जारी करते हुए अदालत ने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन अधिकारियों द्वारा आवारा कुत्तों को उठाने में बाधा डालता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मिश्रा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार का पशु विभाग सभी एजेंसियों के साथ मिलकर इस आदेश का अध्ययन करेगा और इसके उचित कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ेगा।’’ उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और आवारा पशुओं के समुचित कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।