लाइव न्यूज़ :

सुप्रीम कोर्ट ने शरजील इमाम की याचिका पर दिल्ली सरकार से मांगा विस्तृत जवाब, मामले की अगली सुनवाई दस दिन बाद

By गुणातीत ओझा | Updated: May 1, 2020 13:34 IST

देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। शरजील इमाम ने खुदपर दर्ज सभी एफआईआर पर एकसाथ एक ही एजेंसी से जांच की मांग की है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है।

Open in App
ठळक मुद्देदेशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। शरजील इमाम ने खुदपर दर्ज सभी एफआईआर पर एकसाथ एक ही एजेंसी से जांच की मांग की है।

नई दिल्ली। देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। शरजील इमाम ने खुदपर दर्ज सभी एफआईआर पर एकसाथ एक ही एजेंसी से जांच की मांग की है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 10 दिनों बाद करेगा। कोरोना वायरस की वजह से फिलहाल कोर्ट बंद हैं, लेकिन जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस से हो रही है। शरजील को बिहार के जहांनाबाद जिले से 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस ने जामिया परिसर में भड़काऊ भाषण देने को लेकर भी उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। उसके खिलाफ असम में आतंक रोधी कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश ने भी उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दरअसल, उसने कथित तौर पर असम और शेष पूर्वोत्तर को देश से अलग करने की धमकी दी थी।

जामिया हिंसा में शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए लगाया गया

दिल्ली पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) के खिलाफ यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास पिछले साल दिसंबर में हुए हिंसक प्रदर्शन के सिलसिले में जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) लगाया है। शरजील की वकील मिशिका सिंह ने बताया कि शरजील के खिलाफ मामले में यूएपीए की धारा 13 (गैर कानूनी गतिविधि) के तहत आरोप जोड़े गये। इससे पहले, पुलिस ने शरजील के खिलाफ देशद्रोह का आरोप दर्ज किया था। उस पर हिंसा का कारण बना, द्वेष बढ़ाने वाला भाषण देने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने बताया कि उसे जामिया में 13 और 15 दिसंबर 2019 को हुई हिंसा के दो मामलों में गिरफ्तार किया गया है।

उस पर 13 दिसंबर के अपने भाषण के जरिये हिंसा भड़काने के आरोप हैं। एकत्र किये गये साक्ष्यों के आधार पर आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए भी लगाई गई है। पुलिस ने अपने पूरक आरोपपत्र में कहा है कि सीएए के खिलाफ पिछले साल 15 दिसंबर को जामिया छात्रों द्वारा आयोजित एक विरोध मार्च के परिणामस्वरूप हिंसा भड़की थी। पुलिस ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में दाखिल अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि भीड़ ने बड़े पैमाने पर हिंसा की, जिस दौरान कई सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया जबकि कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। इस सिलसिले में न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी और जामिया नगर पुलिस थाने में मामले दर्ज किये गये। 

टॅग्स :शर्जील इमामसुप्रीम कोर्टदिल्ली सरकारजामिया मिल्लिया इस्लामिया
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतदिल्ली नगर निगम उपचुनाव 2025ः 12 सीट, 30 नवंबर को सुबह 7.30 बजे 580 मतदान केंद्रों पर मतदान शुरू,  26 महिलाओं सहित 51 उम्मीदवार, बीजेपी, आप और कांग्रेस में टक्कर

भारतएमसीडी में 12 सीट पर उपचुनाव से पहले आप को झटका, प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता ने थामा बीजेपी का दामन

भारतDelhi nursery admissions 2026-27: 'स्कूल के पते से बच्चे के घर की दूरी' सबसे अधिक अंक वाला कारक?, जानें मानक और कैसे करें प्रोसेस

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई