नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेश संजय कुमार के कार्यकाल विस्तार को अवैध करार दिया। देश की शीर्ष अदालत ने अपने निर्णय में यह कहा कि ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है, लेकिन वह 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे। हालांकि, शीर्ष अदालत ने डीएसपीई और सीवीसी अधिनियम में संशोधन की पुष्टि की, जिससे केंद्र को सीबीआई प्रमुख और ईडी निदेशक के कार्यकाल को उनके अनिवार्य दो साल के कार्यकाल से संभावित तीन साल तक बढ़ाने की शक्ति मिल गई।
अदालत ने कहा कि कानून पर न्यायिक समीक्षा का दायरा बहुत सीमित है, अदालत ने इन संशोधनों को बरकरार रखा, यह मानते हुए कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं। अदालत ने कहा कि जनहित में और लिखित कारणों के साथ उच्च स्तरीय अधिकारियों को विस्तार दिया जा सकता है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मिश्रा की नियुक्ति के साथ-साथ केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम में हालिया संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ताओं में कांग्रेस नेता जया ठाकुर, रणदीप सिंह सुरजेवाला, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और पार्टी प्रवक्ता साकेत गोखले शामिल हैं। पीठ ने मई में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।