त्रिशूर में 65 किमी लंबे राजमार्ग को तय करने में 12 घंटे लगते हैं, 150 रुपये टोल क्यों दें यात्री, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-अगर यात्री घंटों जाम में फंसा रहता है, तो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 18, 2025 18:01 IST2025-08-18T18:00:13+5:302025-08-18T18:01:12+5:30

प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने यह टिप्पणी एनएचएआई और टोल वसूलने का अधिकार रखने वाली कंपनी ‘गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर’ द्वारा दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए की।

Supreme Court said passenger stuck traffic jam hours takes 12 hours cover 65 km long highway in Thrissur why should passengers pay Rs 150 toll | त्रिशूर में 65 किमी लंबे राजमार्ग को तय करने में 12 घंटे लगते हैं, 150 रुपये टोल क्यों दें यात्री, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-अगर यात्री घंटों जाम में फंसा रहता है, तो

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Highlightsटोल संग्रह पर रोक लगाने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में 12 घंटे लगते हैं, तो उसे 150 रुपये क्यों देने चाहिए?उत्पन्न गंभीर यातायात जाम के आधार पर टोल निलंबन का आदेश दिया था।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से पूछा कि अगर केरल के त्रिशूर में 65 किलोमीटर लंबे राजमार्ग को तय करने में 12 घंटे लगते हैं, तो किसी यात्री को 150 रुपये के टोल (शुल्क) का भुगतान करने के लिये क्यों कहा जाए। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने यह टिप्पणी एनएचएआई और टोल वसूलने का अधिकार रखने वाली कंपनी ‘गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर’ द्वारा दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए की।

याचिका में त्रिशूर के पलियेक्कारा टोल प्लाजा पर टोल संग्रह पर रोक लगाने के केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। सीजेआई ने कहा, ‘‘अगर किसी व्यक्ति को सड़क के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में 12 घंटे लगते हैं, तो उसे 150 रुपये क्यों देने चाहिए? जिस सड़क पर एक घंटे का समय लगने की उम्मीद है, उसमें 11 घंटे और लगते हैं और उन्हें टोल भी देना पड़ता है।’’

सुनवाई के दौरान पीठ को सप्ताहांत में इस मार्ग पर लगभग 12 घंटे तक यातायात जाम रहने की जानकारी दी गई। उच्च न्यायालय ने छह अगस्त को राष्ट्रीय राजमार्ग 544 के एडापल्ली-मन्नुथी खंड की खराब स्थिति और निर्माण कार्यों के कारण उत्पन्न गंभीर यातायात जाम के आधार पर टोल निलंबन का आदेश दिया था।

एनएचएआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और टोल वसूल करने का अधिकार रखने वाली कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, ‘‘हम हर पहलू पर विचार करेंगे, आदेश सुरक्षित रखेंगे।’’ न्यायमूर्ति चंद्रन ने कहा कि जिस दुर्घटना के कारण यह सड़क अवरुद्ध हुई, वह महज ‘‘दैवीय कृत्य’’ नहीं था, जैसा कि मेहता ने तर्क दिया, बल्कि एक ट्रक के गड्ढे में गिर जाने के कारण हुई थी। मेहता ने कहा कि जहां अंडरपास का निर्माण कार्य चल रहा था।

वहां एनएचएआई ने सर्विस रोड उपलब्ध कराई थी, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि मानसून की बारिश ने निर्माण कार्य की गति धीमी कर दी है। उन्होंने एक उदाहरण भी दिया जिसमें टोल को निलंबित करने के बजाय आनुपातिक रूप से कम करने का सुझाव दिया गया था। वहीं, गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि उसने 60 किलोमीटर का क्षेत्र अपने नियंत्रण में रखा है।

उसने सर्विस रोड की रुकावटों के लिए ‘पीएसजी इंजीनियरिंग’ सहित तीसरे पक्ष के ठेकेदारों को दोषी ठहराया। दीवान ने उच्च न्यायालय के फैसले को ‘‘बेहद अनुचित’’ बताते हुए कहा, ‘‘जब मैं दूसरों को सौंपे गए काम के लिए जिम्मेदार नहीं हूं, तो मेरी आय का स्रोत नहीं रोका जा सकता। मुझे सिर्फ़ 10 दिनों में ही 5-6 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।’’

पीठ ने कहा कि टोल वसूली का अधिकार रखने वाली कंपनी को उच्च न्यायालय ने एनएचएआई के खिलाफ नुकसान का दावा करने की अनुमति दे दी है। दीवान ने कहा कि यह अपर्याप्त है, क्योंकि दैनिक रखरखाव लागत जारी है और राजस्व वसूली रुक गई है। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को टोल वसूली पर रोक लगाने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के प्रति अनिच्छा जतायी थी।

उच्च न्यायालय ने छह अगस्त को टोल वसूली को चार सप्ताह के लिए स्थगित करने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था कि जब राजमार्ग का रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है और यातायात जाम बहुत अधिक है, तो वाहन चालकों से टोल नहीं वसूला जा सकता। उच्च न्यायालय ने फैसले में कहा था कि जनता और एनएचएआई के बीच संबंध ‘‘जन विश्वास’’ का है और सुचारू यातायात प्रवाह बनाए रखने में विफलता ने उस विश्वास को भंग किया है।

Web Title: Supreme Court said passenger stuck traffic jam hours takes 12 hours cover 65 km long highway in Thrissur why should passengers pay Rs 150 toll

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