मृत्युदंड की सजा पाए कैदियों के अधिकारों के उल्लंघन पर कोर्ट ने 10 राज्यों से मांगा जवाब

By भाषा | Published: April 1, 2018 11:08 AM2018-04-01T11:08:15+5:302018-04-01T11:08:15+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी से मौत की सजा पाए कैदियों को अलग- थलग बंद रखने, कानूनी प्रतिनिधित्व, उनके परिजनों से जेल में मिलने के अधिकार और मनोचिकित्सकीय परामर्श पर भी जवाब मांगा गया है।

Supreme Court responds to 10 states on violation of the rights of prisoners convicted of capital punishment | मृत्युदंड की सजा पाए कैदियों के अधिकारों के उल्लंघन पर कोर्ट ने 10 राज्यों से मांगा जवाब

मृत्युदंड की सजा पाए कैदियों के अधिकारों के उल्लंघन पर कोर्ट ने 10 राज्यों से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 1 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाए कैदियों के मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के मामले में10 राज्यों के महानिदेशक( कारागार) से जवाब मांगा है। डीजीपी( कारागार) से मौत की सजा पाए कैदियों को अलग- थलग बंद रखने, कानूनी प्रतिनिधित्व, उनके परिजनों से जेल में मिलने के अधिकार और मनोचिकित्सकीय परामर्श पर भी जवाब मांगा गया है।

न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और दीपक गुप्ता की एक पीठ ने10 राज्यों के डीजीपी( कारावास) से न्याय मित्र एडवोकेट गौरव अग्रवाल के पत्र पर जवाब मांगा है जिन्होंने अदालत की नियमावली और कैदियों के मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन का मुद्दा उठाया है। पीठ ने कहा, 'जरूरत है कि दस राज्यों के महानिदेशक( कारागार) न्याय मित्र द्वारा भेजे गए खत का जवाब दें क्योंकि यह जेल में बंद उन कैदियों के मानवाधिकारों से संबंधित है जिन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।' 

यह दस राज्य हैं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पंजाब, दिल्ली, गोवा, मध्य प्रदेश, असम और बिहार। पीठ ने राज्यों से आठ मई तक जवाब देने को कहा है।

Web Title: Supreme Court responds to 10 states on violation of the rights of prisoners convicted of capital punishment

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