नयी दिल्ली, 25 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल सरकार और निर्वाचन आयोग को ‘‘निष्पक्ष, सुरक्षित, स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण’’ विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह करने वाली याचिका पर विचार करने से सोमवार को इनकार कर दिया।
पश्चिम बंगाल में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने पुनीत कौर ढांडा की याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि वह कानून सम्मत अन्य उपाय आजमा सकती हैं।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी भी पीठ का हिस्सा हैं।
याचिका में अन्य अनुरोध भी किए गए थे जिनमें राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विरोधियों एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं की कथित हत्या की घटनाओं की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश दिए जाने का आग्रह भी शामिल था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता विनीत ढांडा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत भाजपा नेताओं पर पश्चिम बंगाल में हुए हमले की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ऐसे हालात में राज्य में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव संभव नहीं हैं तथा यह केवल शीर्ष अदालत की निगरानी में ही संभव हो सकता है।’’
अधिवक्ता ढांडा ने कहा कि तेलंगाना के रोहिंग्या मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल में मतदाताओं के तौर पर पंजीकरण करवा लिया है और ‘‘मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से हिंदू मतदाताओं को मतदान करने नहीं जाने दिया जाएगा।’’
इस जनहित याचिका में गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार, चुनाव आयोग, राज्य के चुनाव आयोग, पुलिस महानिदेशक और सीबीआई को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता ने अदालत से दखल देने का अनुरोध किया है क्योंकि पश्चिम बंगाल में बुनियादी अधिकारों, सांविधिक अधिकारों तथा मानवाधिकारों का लगातार उल्लंघन हो रहा है तथा इस तरह के उल्लंघनों में राज्य सरकार और पुलिस मशीनरी शामिल है।’’
नड्डा के काफिले पर हुए हमले की घटना का हवाला देते हुए याचिका में ‘‘केंद्रीय गृह सचिव और पश्चिम बंगाल के डीजीपी’’ को निर्देश देने की मांग की गई कि वे जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
याचिका में आरोप लगाया गया कि बीते कुछ वर्षों से ‘‘राजनीतिक नेताओं खासकर भाजपा नेताओं की सुनियोजित हत्या’’ की घटनाएं हो रही हैं।
याचिका में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की भी मांग की गई।
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