आपत्तिजनक वीडियो में वेश्यालय से की गई सुप्रीम कोर्ट की तुलना, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "इससे ​​कोई फर्क नहीं पड़ता"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 4, 2023 14:19 IST2023-08-04T14:16:02+5:302023-08-04T14:19:02+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देश के सर्वोच्च अदालत की तुलना वेश्यालय से किये जाने पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

Supreme Court Likened To Brothel In Offensive Video, Chief Justice Chandrachud Says "It Doesn't Matter" | आपत्तिजनक वीडियो में वेश्यालय से की गई सुप्रीम कोर्ट की तुलना, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "इससे ​​कोई फर्क नहीं पड़ता"

आपत्तिजनक वीडियो में वेश्यालय से की गई सुप्रीम कोर्ट की तुलना, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "इससे ​​कोई फर्क नहीं पड़ता"

Highlightsआपत्तिजनक वीडियो में वेश्यालय से की गई सुप्रीम कोर्ट की तुलना सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैसुप्रीम कोर्ट न्याय और संविधान की व्याख्या के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगा

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देश के सर्वोच्च अदालत की तुलना वेश्यालय से किये जाने पर कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। सुप्रीम कोर्ट न्याय और संविधान की व्याख्या के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहेगा।  

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच के समक्ष जब एक वकील ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायलर हो रहे एक वीडियो में सुप्रीम कोर्ट की तुलना वेश्यालय से की जा रही है और यह सर्वोच्च अदालत की गरिमा के साथ बेहद भद्दा खिलवाड़ किया जा रहा है।

वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सोशल प्लेटफार्म बेलगाम होते हुए अब सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के लिए इस हद तक जा सकता है तो यह बेहद चिंता की स्थिति है। ऐसी स्थिति में कोर्ट को कुछ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए नहीं तो इस तरह के मामले में बाढ़ सी आ सकती है।  

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील की सारी बात सुनते हुए कहा, "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है और ऐसे मामलों को बेहद गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्य अपने दायित्व और कार्यों के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है और कोर्ट न्याय देने और संविधान की व्याख्या करने की अवधारणा पर कार्य करता रहेगा।"

वकील ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच से कहा, "यह ऐसा मामला है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। वह इस वीडियो के संबंध में रजिस्ट्रार का ध्यान पहले से आकर्षित कर चुके हैं, वीडियो में बाकायदा कोर्ट में बैठे न्यायाधीशों को भ्रष्ट कहा जा रहा है।"

इसके साथ ही वकील ने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि मणिपुर हिंसा मामले में सुनवाई के बाद वीडियो में शीर्ष अदालत के बारे में आपत्तिजनक शब्द कहे गए हैं।

इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "चिंता मत करो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह कोई बहुत विचारणीय मुद्दा नहीं है, जिस पर यह बेंच सोचने की जहमत उठाए।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Supreme Court Likened To Brothel In Offensive Video, Chief Justice Chandrachud Says "It Doesn't Matter"

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